ऐ हवा! तुझे भी तो गर्व होगा उनकी परवाज़ पर, ऐ वक़्त! तुझे भी तो गर्व होगा उनकी जनसेवा के अंदाज़ पर। वो इतिहास पढ़ते नहीं, इतिहास गढ़ते हैं। वो ...
ऐ हवा! तुझे भी तो गर्व होगा उनकी परवाज़ पर,
ऐ वक़्त! तुझे भी तो गर्व होगा उनकी जनसेवा के अंदाज़ पर।
वो इतिहास पढ़ते नहीं, इतिहास गढ़ते हैं। वो रुकते नहीं, हर हाल में आगे बढ़ते हैं। उन्हें किस्मत पर नहीं, खुद पर विश्वास है। इसलिए वो हज़ारों में खास हैं। वो जो भी करते हैं नि:स्वार्थ भाव से। वो जो भी कदम उठाते हैं औरों की खुशी के लिए। और वो हमेशा यही कहते हैं- किसी का दर्द मिल सके तो लो उठा!
आईये मिलाते हैं आपको दरभंगा (बिहार) (Samaj Sevak Bihar) के उस लाल से जो अपनी जनसेवा से कमाल कर रहे हैं। हर उस चेहरे पर मुस्कान लाने का काम कर रहे हैं, जो चेहरे उदास हैं। Silsila Zindagi Ka आपको मिलाने जा रहा है समाज सेवक अरुणेश चंद्रा से।
कम्बल वितरण करते हुए समाज सेवक चंद्राडॉ. कलाम से मिली प्रेरणा
डॉ. अब्दुल कलाम (Dr.Abdul Kalam) के कुछ मुलाकात से प्रभावित होकर समाज सेवक अरुणेश चंद्रा ने उनकी राह पर चलने को ठान लिया। वक़्त बदला, जीवन की चाल बदली पर कभी भी उनकी सोच और उद्देश्य नहीं बदला और आज वो अपने कर्तव्य का निर्वाहन जी-जान से करने में लगे हुए हैं।
बॉलीवुड की दुनिया में भी हैं सक्रिय
समाज सेवा को अपना कर्तव्य मानने वाले समाज सेवक अरुणेश चंद्रा पिछले कई वर्षों से बॉलीवुड की दुनिया में बतौर स्क्रिप्ट लेखक काम कर रहे हैं। इस सफर में इन्होंने कई फिल्मों और सीरियल के लिए लेखन किया है।
2021 में जब कोरोना से हर तरफ हाहाकार मचा हुआ था और लोग डर से किसी से मिलना नहीं चाह रहे थे, तब अरुणेश चंद्रा और उनका शुभम नर्सिंग होम जरुतमंदों के लिए सिलिंडर और दवाईयों के साथ खड़े थे। साथ ही मास्क और सेनिटाइजर का भी बड़े पैमाने पर इन्होंने वितरण किया।
और अब जब बिहार में कड़ाके की ठंड पड़ रही है तो समाज सेवक अरुणेश चंद्रा लोगों की मदद के लिए हाथ बढ़ा रहे हैं।
अभी पिछले दिनों ही चंद्रा ने ठंडी और कनकनी से कांप रहे गरीब लोगों के बीच बड़ी संख्या में कंबल का वितरण किया। जलावन के लिए लकड़ी का भी इन्होंने मुहैया करवाया। उनकी यह निस्वार्थ भावना की वज़ह से कई चेहरों पर मुस्कान और नई उम्मीद झलक रही थी।
इस मौके पर डॉक्टर शिवानंद,श्री हरी नारायण साह,श्री शिवू महतो, श्रीमती गायत्री यादव, श्री मोहम्मद अशरफ सिद्दीकी, श्री मनोहर चौधरी, श्री हरि कुमार,अंकु कुमार, श्री विकास महतो, सहित अन्य लोग मौजूद हुए।
समाज सेवक चंद्रा के समाज सेवा का यह सफर काफी लंबा है। अपने गाँव में पानी की समस्या को देखते हुए ये आगे आये और इस समस्या का समाधान कराया। इतना ही नहीं, छठ महापर्व के अवसर पर स्वास्थ्य शिविर लगाकर लोगों की सेवा भी की।
समाज सेवक चंद्रा ने अपने आप से यह वादा किया है कि उन्हें हर जरूरतमंद की सेवा करनी है और हर उदास चेहरे पर मुस्कान लाना है। स्वास्थ्य और शिक्षा को एक बड़ा आयाम देना है।
गांव को विकसित करना है। समाज में कई बदलाव लाने हैं। जो मजबूर हैं उनके नया विश्वास पैदा करना है। यह सफर है और तेजी से आगे बढ़ेगा। हम बदलेंगे सब कुछ। हम करेंगे सबकी सेवा।
निश्चित तौर पर, सिर्फ एक समाज या किसी एक गाँव को ही अरुणेश चंद्रा जैसे व्यक्तित्व की जरूरत है, जो अपनी सोच से औरों की तक़दीर को बदल दे।
सिलसिला ज़िन्दगी का समाज सेवक अरुणेश चंद्रा पर गर्व करता है और उनके सराहनीय कदम की प्रशंसा करता है।
No comments