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यात्रा: एक नई शरुवात के लिए ज़रूरी है यात्रा

Journey: एक नई शरुवात के लिए ज़रूरी है यात्रा Welcome To My Blog: Silsila Zindagi ka जब भी ज़िन्दगी तुम्हें बोझिल लगने लगे, जब भी त...

Journey: एक नई शरुवात के लिए ज़रूरी है यात्रा

  • Welcome To My Blog: Silsila Zindagi ka
जब भी ज़िन्दगी तुम्हें बोझिल लगने लगे, जब भी तुम्हें ज़िन्दगी तुम्हें बेवफ़ा सी लगने लगे। बिना कुछ सोचे निकल जाओ एक लंबी यात्रा पर। बस खुद से यह बात बताओ, अपना बैग उठाओ और निकल पड़ो किसी खूबसूरत सी वादियों वाली जगह पर।

फिर देखना , यात्रा करते ही तुम्हारी ज़िन्दगी में बहार आ जायेगी। फिर से तुम्हारे अंदर नया जोश भर जाएगा और फिर से तुम एक नयर जीवन का अनुभव करोगे।

प्रख्यात फारसी कवि "रूमी" ने यतारा के बारे में कहा था- यात्रा हमारे जीवन को फिर से शक्ति एवं प्यार से सींच देती है।

यकीन करो, आप अपने ज़िन्दगी के सफ़र में जितनी यात्राएं करोगे आप उतना ही सीखोगे। उतना ही ज़िन्दगी को एक नए नज़रिये देखना शुरू करोगे।

यात्रा सिर्फ एक यात्रा नहीं, बल्कि एक एहसास है मानव जीवन का जो ना जाने कितने देखे-अनदेखे किस्से-कहानियों को जन्म देती है।

हर यात्रा आपको सिखाती है
यात्रा शब्द ना सिर्फ एक शब्द है, बल्कि ये वो सफ़र है जिसकी शुरुवात तो है लेकिन इसका कोई अंत नहीं। आप चलते जाएंगे। सफ़र में कई नज़ारों को देखते जाएंगे। और उससे भी अच्छे दृश्य को देखने की चाह में आप आगे बढ़ते जाएंगे। इतना ही नहीं आपको हर यात्रा कुछ न कुछ सिखाती है, अगर आप सीखना चाहें तो।

यात्रा आपको भरोसा करना सिखाती है
यह बात सच है। जब आप किसी यात्रा पर अकेले निकल जाएंगे तो देखेंगे कि आप बिना किसी बात की परवाह किये आप अकेले आगे बढ़ते जा रहे हैं। आपको लगेगा कि मुझे पूरे जहाँ की यात्रा करनी है। फिर आपके मन में खुद के प्रति और अपनी ज़िन्दगी के प्रति भरोसा पैदा होने लगेगा और यकीन मानिए, यात्रा आपको भरोसा करना सिखाती है।


यात्रा आपके जीवन में खुशियाँ लाती है

जब आप किसी जगह की यात्रा पर निकल जाएंगे तो आप कितने भी उदास क्यों न हों, पर वहाँ पहुंचते ही आप अपने सारे ग़मों को भूल जाएंगे और आपके जीवन में खुशियाँ दस्तक देने लगती हैं।


एक नई यात्रा, एक नया जीवन

आपको ये बात पता ही होगी। गौतम बुद्ध एक रात अपने घर से बिना किसी को बताए निकल गए। काफी सालों बाद जब घर लौटे तो उनकी पत्नी ने कहा, आप कहाँ चले गए थे? फिर से लौट आईये। तो बुद्ध ने कहा था- अब मेरा लौटना नामुमकिन है। तुम जो सोच रहे हो, मैं वो नहीं हूँ। क्योंकि मैं जब घर से गया था तो गौतम था और जब मैं लौटा हूँ तो बुद्ध बन कर लौटा हूँ।


दोस्तों! ये कतई नहीं कि आपको भी बुद्ध बन कर लौटना है। आपको अपने तरीके से, अपने सफर से यात्रा करते हुए वो बन कर लौटना है जो आप बनना चाहते हो।


तो सोचिये मत, ज़िन्दगी की नई शुरुवात के लिए निकल जाईये एक लंबी यात्रा पर। क्योंकि हर सफ़र आपका इंतज़ार कर रहा है।




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