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Pray: हे माँ गंगा, अब आपके हाथ में है नौरंगा

Pray: कहते  हैं  कि  जब  उम्मीदें  ही  काँटा  बनकर  चुभने  लगती  हैं, तो  हमारी  आँखों के  सामने  अँधेरा  नज़र  आने  लगता  है। कुछ  ऐस...

Pray: कहते  हैं  कि  जब  उम्मीदें  ही  काँटा  बनकर  चुभने  लगती  हैं, तो  हमारी  आँखों के  सामने  अँधेरा  नज़र  आने  लगता  है।

कुछ  ऐसा  ही  मंज़र  देखने  को  मिला, नौरंगा  ग्राम  सभा  में। गंगा  के  घाट  (Pray) पर  स्थित  इस  गाँव  पर  ख़तरे  का  बादल मँडरा  रहा  है। भयावह  बाढ़  ने  इस  बार लोगों  को  कँपा  कर  रख  दिया  है, जिससे  लोगों  की  आँखों  में  खौफ़  साफ नज़र  आ  रहा  है।
खौफ़  है  अपने  घर  को  छोड़ने  का, खौफ़  है  अपनी  मातृभूमि  को  छोड़  कर विदा  होने  का, खौफ़  है  अपनों  को  छोड़ने  का। और  इसी  खौफ़  ने  नौरंगा गाँव  के  लोगों  को  खींच  लाया  गंगा  के किनारे। 
सरकार  से  उठा  भरोसा  तो  लोग  माँ गंगा  से  क्षमा  याचना  करने  पहुँच  गए। भारी  संख्या  में  उपस्थित  माँ  गंगा  को दूध  अर्पण  करते (Pray)  नज़र  आ  रहे  थे  और अभी  भी  उनकी  आँखों  में  एक उम्मीद  की  किरण  नज़र  आ  रही  थी। 

कहते  हैं  कि  भक्ति  में  शक्ति  है। तो अब  देखना  यह  है  कि  नौरंगा  ग्राम  सभा के  लोगों  की  क्षमा  याचना (Pray) माँ  गंगा स्वीकार  कर  लेती  हैं  या  फिर  सिर्फ़ आशा (Hope)  और  उम्मीद  की  नाव  इसी  तरह डगमगाती  रहेगी।
यह  तो  वक़्त  ही  बताएगा। लेकिन Silsila  Zindagi  ka सच्चे  दिल  से यह  प्रार्थना  करेगी- "हे माँ गंगा, अब आपके  हाथ  में  है नौरंगा"। इसकी  रक्षा कीजिए।

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