हर मोड़ पे ज़िन्दगी आजमाती रही हम भी हर बार मुस्कुराते रहे दर्द सहते रहे गुनगुनाते रहे मुस्कुराते रहे, मुस्कुराते रहे।। एक कारव...
हर मोड़ पे ज़िन्दगी आजमाती रही
हम भी हर बार मुस्कुराते रहे
दर्द सहते रहे गुनगुनाते रहे
मुस्कुराते रहे, मुस्कुराते रहे।।
एक कारवाँ था जो ग़म का
हर पल वो साथ चलता रहा,
मौसम था जो ज़िन्दगी का
मौसम की तरह वो बदलता रहा।
जो सफ़र में रहा हमसफ़र बनकर
वो मुझे चल दिया तड़पता छोड़ कर,
मैंने सोचा था कि वो मिलेगा कभी
कहीं और कहीं ना किसी मोड़ पर।
जो गया वो मुझे छोड़कर
हम बुलाते रहे, हम बुलाते रहे
हर मोड़ पे ज़िन्दगी आजमाती रही
हम भी हर बार मुस्कुराते रहे
दर्द सहते रहे गुनगुनाते रहे
मुस्कुराते रहे, मुस्कुराते रहे।।
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