Dialogue Of Ramayan, Ramanand Sagar "तुम्हारी सार्वभौम सत्ता और सम्पूर्ण प्रभुता तीनों लोकों में विख्यात है। तूने अनीति, अनाचार...
Dialogue Of Ramayan, Ramanand Sagar
"तुम्हारी सार्वभौम सत्ता और सम्पूर्ण प्रभुता तीनों लोकों में विख्यात है। तूने अनीति, अनाचार और दुराचार से समस्त लोकों के प्राणियों को दुःखो की आँसूओं में डुबोया है। अब वे ही आँसू तुझे डूबे दें तो दोष तुम्हारा ही होगा।"
(Tumhari Sarva Bhaum Satta aur Sampurna Prabhuta tino lokon me vikhyat hai. Tune Aniti, Anachar Aur Durachar se samast lokon ke praniyon ko dukho ki aansuon me duboya hai, ab agar we hi aansu tujhe Dubo Den toh dosh tumhara hi hoga.)
रामायण का यह दिल छू लेने वाला डायलाग (Dialogue Of Ramayan, Ramanand Sagar) जैसे ही हमें सुनाई देता है, अरुण गोविल (Arun Govil In Ramayam) की याद आ जाती है। जिन्होंने श्री राम के किरदार को पर्दे पर इस तरह उतारा था कि वो देखते-देखते, कब इंसान से भगवान बन गये उन्हें भी नहीं पता चला।
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1987 का वह दौर था। जब मात्र एक चैनल दूरदर्शन पर रामानन्द सागर के रामायण (Ramanand Sagar Ramayan On Doordarshan) का प्रसारण होता था। लोगों को रविवार की सुबह का बेसब्री से इंतज़ार रहता था। एक दिन पहले से ही एंटेना ठीक किया जाने लगता था।
और जैसे ही टीवी ऑन होता था अरुण गोविल का राम ( Arun Govil As Ram) के किरदार में मुस्कुराता हुआ चेहरा नज़र आता था। रामानंद सागर के रामायण ने अरुण गोविल की ज़िंदगी को जैसे बदल कर रख दिया और लोग उन्हें भगवान की तरह पूजा करते थे।
अभी हाल ही में विख्यात Anchor ऋचा अनिरुद्ध (Richa Aniruddh Zindagi Live) के शो Zindagi Live में अरुण गोविल (Arun Govil in Zindagi Live) का आगमन हुआ था। जिसमें उन्होंने एक घटना का ज़िक्र करते हुए कहा था- "एक बार मैं यूपी में शूटिंग करने गया था। रविवार का दिन था और हम एक गाँव में गए, क्योंकि टीवी पर रामायण आने वाला था। उस गाँव में जैसे ही हम लोग प्रवेश किये, एक घर के ऐंटेना पर नज़र पड़ी और हमलोग उस घर में अंदर आये।
हमलोगों ने देखा कि एक लड़का अकेला बैठा रामायण देख रहा है। हमलोगों को देखकर वो एक बार पीछे मुड़कर देखा। मैंने कहा- रामायण देखना है। लड़का रामायण देखने लगा और हमलोग भी। थोड़ी देर बाद वो लड़का एक बार टीवी देखता तो एक बार मेरा चेहरा। फिर टीवी देखता फिर मेरा चेहरा। इसके बाद उसने जो हल्ला मचाया- राम जी आये हैं और पूरे गांव ने जो हमारा स्वागत सत्कार किया कि आज तक हम नहीं भूल पाए"।
तो यह था क्रेज़, रामायण (People Craze Of Ramayan) का। यह था लोगों का दीवानापन अरुण गोविल को लेकर, जिनमें हर किसी को भगवान नज़र आते थे।
आज अरुण गोविल मुम्बई (Arun Govil Family) में अपने परिवार के साथ हँसी-खुशी जीवन व्यतीत कर रहे हैं। जब तक रामायण का अस्तित्व रहेगा, तब अरुण गोविल का चेहरा श्री राम के तौर पर हर किसी को नज़र आता रहेगा।
क्योंकि रामायण तो बहुत बने, राम तो बहुत बने पर श्री राम का जो किरदार अरुण गोविल ने निभा दिया वो शौड कोई और नहीं कर सकते।
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1987 का वह दौर था। जब मात्र एक चैनल दूरदर्शन पर रामानन्द सागर के रामायण (Ramanand Sagar Ramayan On Doordarshan) का प्रसारण होता था। लोगों को रविवार की सुबह का बेसब्री से इंतज़ार रहता था। एक दिन पहले से ही एंटेना ठीक किया जाने लगता था।
और जैसे ही टीवी ऑन होता था अरुण गोविल का राम ( Arun Govil As Ram) के किरदार में मुस्कुराता हुआ चेहरा नज़र आता था। रामानंद सागर के रामायण ने अरुण गोविल की ज़िंदगी को जैसे बदल कर रख दिया और लोग उन्हें भगवान की तरह पूजा करते थे।
अभी हाल ही में विख्यात Anchor ऋचा अनिरुद्ध (Richa Aniruddh Zindagi Live) के शो Zindagi Live में अरुण गोविल (Arun Govil in Zindagi Live) का आगमन हुआ था। जिसमें उन्होंने एक घटना का ज़िक्र करते हुए कहा था- "एक बार मैं यूपी में शूटिंग करने गया था। रविवार का दिन था और हम एक गाँव में गए, क्योंकि टीवी पर रामायण आने वाला था। उस गाँव में जैसे ही हम लोग प्रवेश किये, एक घर के ऐंटेना पर नज़र पड़ी और हमलोग उस घर में अंदर आये।
हमलोगों ने देखा कि एक लड़का अकेला बैठा रामायण देख रहा है। हमलोगों को देखकर वो एक बार पीछे मुड़कर देखा। मैंने कहा- रामायण देखना है। लड़का रामायण देखने लगा और हमलोग भी। थोड़ी देर बाद वो लड़का एक बार टीवी देखता तो एक बार मेरा चेहरा। फिर टीवी देखता फिर मेरा चेहरा। इसके बाद उसने जो हल्ला मचाया- राम जी आये हैं और पूरे गांव ने जो हमारा स्वागत सत्कार किया कि आज तक हम नहीं भूल पाए"।
तो यह था क्रेज़, रामायण (People Craze Of Ramayan) का। यह था लोगों का दीवानापन अरुण गोविल को लेकर, जिनमें हर किसी को भगवान नज़र आते थे।
आज अरुण गोविल मुम्बई (Arun Govil Family) में अपने परिवार के साथ हँसी-खुशी जीवन व्यतीत कर रहे हैं। जब तक रामायण का अस्तित्व रहेगा, तब अरुण गोविल का चेहरा श्री राम के तौर पर हर किसी को नज़र आता रहेगा।
क्योंकि रामायण तो बहुत बने, राम तो बहुत बने पर श्री राम का जो किरदार अरुण गोविल ने निभा दिया वो शौड कोई और नहीं कर सकते।
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