कुछ लिखने से पहले आपसे एक request करना चाहूंगा: फ़िल्म इंडस्ट्री का कोई भी मेरा दोस्त या आपका दोस्त इस lockdown की परिस्थिति में प...
कुछ लिखने से पहले आपसे एक request करना चाहूंगा:
फ़िल्म इंडस्ट्री का कोई भी मेरा दोस्त या आपका दोस्त इस lockdown की परिस्थिति में परेशान है, खाने-पीने को लेकर या अन्य किसी चीज़ के लिए- तो मैं आपसे request करना चाहूंगा कि आप मुझे बताएं। मुझ तक अपनी बात पहुंचाएं। मुझे पता है कि फ़िल्म इंडस्ट्री में जो जॉब नहीं कर रहे हैं इस समय उनकी हालत क्या होगी? इसलिए प्लीज़, प्लीज़ कोई भूखा ना सोए, कोई परेशान ना हो- मैं सपोर्ट करूँगा। मुझे बेहिचक call या whatsapp करें- 9320505646. अगर आपका भी कोई दोस्त मुश्किल परिस्थिति में दिखे तो मुझे ज़रूर बताएं! यह समय एक दूसरे को सपोर्ट करने का है इसलिए बेहिचक बताएं। धन्यवाद!
Welcome To My Blog "Silsila Zindagi Ka"
ऑफिस से 12 दिनों की छुट्टी पर था। होली मनाने घर आया था। पर नहीं पता था कि यह 13 दिनों की छुट्टी कई महीनोंमें बदलने वाली है।
पटना फ्लाइट पकड़ने के लिए निकला था कि रात 2 बजे ऑफिस से मैसेज आया कि 5 दिनों तक work from home रहेगा। मैंने अपनी फ्लाइट का टिकट एक्सटेंड करवा लिया
तब तक भारत सरकार द्वारा 21 दिनों का lockdown ज़ारी कर दिया गया, जो अभी तक चल रहा है और मालूम नहीं यह कब तक रहेगा, क्योंकि अभी तो कोरोना अपने शबाब पर है।
गाँव पर हूँ, इस बात का सुकून है। इस lockdown में घर से ही सुबह से शाम तक ऑफिस का ही काम करता हूँ और जो समय थोड़ा मिलता है तो अपने स्क्रिप्ट पर काम करता हूँ।
मैं पिछले 7 सालों से मुम्बई में हूँ, पर आज तक सपनों के शहर को कभी रुकते, कभी थमते नहीं देखा होगा। क्या दिन, क्या रात?
हर वक़्त यहाँ भागती रहती है ज़िंदगानी। हर रोज ना जाने पैदा होती हैं कितनी कहानी। बेस्ट बस (Best Bus Mumbai) की भरमार, लोकल ट्रेन (Local Train Mumbai) और मेट्रो (Metro in Mumbai) की रफ्तार इस शहर की ज़िंदादिली की कहानी को बयां करती है। पर आज कल आर्थिक राजधानी ज़रूर सोच रही होगी, क्या से क्या हो गया देखते-देखते?
मुझे सबसे ज़्यादा पसंद है मुम्बई की रवानगी, मेरे दिल में बसी है चौक-चौबारों पर बिकते वड़ा पाव की दीवानगी। आंखों में भर हर रोज तैरता है इस शहर की जगमगाती रोशनी।
बेशक़ यह भागदौड़ भरा शहर है। रफ्तार से भरा शहर है, लेकिन और शहरों से कुछ तो अलग बात है इस शहर में कि इतना प्यार हो गया है।
मुम्बई, मेरी जान! फिर से तुम जगमगाओगे, फिर से तुम वही प्यार के तराने गाओगे, फिर से तुम मुस्कुराओगे, फिर से तुम्हारी ज़िंदादिली सब कुछ नया कर देगी, फिर से हम दौड़ना शुरू कर देंगे।
मेरे दोस्तों! खास कर के वो, जो मुम्बई हैं उनसे मैं कहना चाहूंगा- घबराना नहीं मेरे यारों। फिर से हम मुलाक़ात करेंगे, फिर से प्यारी बात करेंगे।
तुम लोग अपना ख्याल रखना और हाँ यह वक़्त भी बड़ी किस्मत से आया है। वो काम करो जो पेंडिंग है, वो काम करो जो करना चाहते थे पर वक़्त की कमी की वज़ह से नहीं कर पाए थे। पर हर हाल में घर पर ही। देखना हम यह जंग जीत जाएंगे।
#घरपरजीयोजीभरकर।
फिर से कुछ आपके साथ अपने विचार शेयर करूँगा अपने ब्लॉग सिलसिला ज़िंदगी का (Silsila Zindagi Ka) के माध्यम से। जुड़े रहिये मेरे साथ।
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