कई बार लिखा तुम्हारे नाम का लव लेटर। हर दिन अपनी उल्फत को अल्फ़ाज़ों में उतारा। कभी सज नहीं पाया कभी संवर नहीं पाया Love Letter. कभी मुकम्मल त...
कई बार लिखा तुम्हारे नाम का
लव लेटर।
हर दिन अपनी उल्फत को
अल्फ़ाज़ों में उतारा।
कभी सज नहीं पाया
कभी संवर नहीं पाया
Love Letter.
कभी मुकम्मल तो किया
पर सोचा
कहाँ भेजूं?
तुम्हारा नाम तो लिख दूंगा
पर तुम्हारा ठिकाना!
कैसे ढूँढू?
किससे पूछूं?
किस पते पर भेजूं?
Love Letter!
लिखता रहूंगा
हमेशा लिखूंगा
तब तक लिखूँगा
जब तक,
तुम तक पहुंच ना जाये
मेरा लव लेटर।
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