जी हाँ, पहले से हाईवे की आबो-हवा में बहती और भागती हुई सड़क में एक और डगर जुड़ गई है। रामदयाल बाबा के नगर ( New Road Project )में चली एक और ड...
जी हाँ, पहले से हाईवे की आबो-हवा में बहती और भागती हुई सड़क में एक और डगर जुड़ गई है।
रामदयाल बाबा के नगर (New Road Project)में चली एक और डगर। कुछ वर्षों पहले ही पगडंडी की जगह एक सड़क बनी थी।
और आज वह सड़क हाईवे (Highway Road) का मज़ा देती है। सुबह से रात तक लोगों की कतार टूटती ही नहीं। ज़रूरी काम हो या दौड़ लगानी हो, लोगों का कारवां (Crowd on road) हमेशा नज़र आता है.
रामदयाल का डेरा, लगा हुआ बड़ा सा बोर्ड Board on road) अपने पर और भी गर्व करेगा क्यूंकि वहां से एक और डगर निकल पड़ी है।
तस्वीरें साफ दिख रही है। यह वह डगर है, जिसकी दरकार थी। श्री जयप्रकाश ठाकुर कल शाम उसी डगर पर गर्व खड़े नज़र आ रहे थे।
उनके चेहरे पर मुस्कान की कई लकीरें उभर चुकी थीं। काफी खुश थे और अपनी खुशी व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा- यह अभूतपूर्व है।
ज़िंदगी (Race on road) को और ज़्यादा खूबसूरत (Bihar Road) बनाने के लिए इस डगर एक ज़रूरत थी और बस यह बनकर तैयार ही होने वाली।
गर्मी, जाड़ा या हो बरसात का मौसम, अब उड़ान भरेंगे हरदम। यह नई कहानी, नया इतिहास और इस नए मक़ाम के लिए silsila zindagi ka मुबारकबाद देता है और दुआ करता है कि हमेशा इसी तरह यहाँ के लोगों का 'सिलसिला ज़िंदगी का' हमेशा चलता रहे।
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