दोस्तों! पिछले लगभग 2 सप्ताह से And TV (&TV) के नए शो "येशु" &TV Show Yeshu) का चैलेंजिंग कैम्पेन चल रहा था, जिसकी वज़ह स...
दोस्तों! पिछले लगभग 2 सप्ताह से And TV (&TV) के नए शो "येशु" &TV Show Yeshu) का चैलेंजिंग कैम्पेन चल रहा था, जिसकी वज़ह से मुझे बिल्कुल ही टाइम नहीं मिल रहा था ब्लॉग लिखने का।
कई दोस्तों ने मैसेज भी किया इसके लिए, पर काम की इतनी व्यस्तता थी कि फुर्सत ना मिल रही थी। पर आज से बोझ हल्का होते ही ब्लॉग (Blogging) के लिए मेरे शब्द संवरने शुरू ही गए हैं।
2020 (GoodBye 2020) ना जाने कितने लोगों को तड़पा कर जा रहा है, रुला कर जा रहा है। कई आँखों में इतने (Memories Of 2020) आँसू छोड़कर जा रहा है, जो पोछने से भी कभी खत्म नहीं हो पाएंगे। कई दिलों में इतने गहरे ज़ख़्म छोड़ कर जा रहा है, जो किसी भी मरहम से ठीक नहीं हो सकता है।
पर आज मैं और मेरा ब्लॉग सिलसिला ज़िन्दगी का (Silsila Zindgai Ka) सैल्यूट करता है उन सभी लोगों का, जिन्होंने लाख मुश्किलों के बाद अब भी जीने का जज़्बा और कुछ कर गुज़रने का हौसला रखे हैं।
हम सैल्यूट करते हैं भारत के हर उस मजदूर (Labour) को, जिन्होंने लाख समस्याएं सहने के बाद भी, कोसों दूरी दर्द के साथ तय करने के बाद भी अपने दम पर जीने की हिम्मत रखे हुए हैं।
हैम सैल्यूट करते हैं देश के हर अन्नदाता (Farmers Of India) को, जिन्होंने इस मुश्किल दौर में अपना खून पसीना बहाकर धरती को सीचा और हमें कभी भी अन्न की कमी नहीं होने दी।
हम सैल्यूट करते हैं है हर उस व्यक्ति कि जिन्होंने लॉकडाउन के समय अपनी क्षमता के अनुसार जरूरतमंदों की जी-जान से सेवा किये हैं।
हम सैल्यूट करते हैं अपने देश के उन कोरोना वरियर्स (Corona Warriors) को, जिन्होंने अपने सुख और खुशी को भूलकर औरों के चेहरे पर मुस्कान लाने की कोशिश की हैं।
हम सैल्यूट करते हैं देश के हर उस व्यक्ति को, जिनकी वज़ह से मजबूर लोगों को जीने का एक नया बहाना मिला है।
और हम सैल्यूट करते हैं अपने सभी देशवासियों को, जो मुश्किल हालातों का सामना करने के बाद आज भी एक नए और उज्ज्वल भविष्य की ताक में ज़िंदादिली से खड़े हैं।
चलिए, यह वर्ष गुज़र गया।
साल गया, हर सवाल गया
मगर करके सबको बेहाल गया।
चलो जीते हैं नए जज़्बे के साथ
यकीन मानिए यह बुरा हाल गया।
यकीनन, नया साल (New Year 2021) कई नई उम्मीदें लेकर आता है। पर इस बार की सबकी उम्मीदें शायद एक है- 2021 में हालात सुधर जाएं। सब सही हो जाये।
और होगा भी। निश्चित होगा। क्यूँकि इतने लोगों की चाहतें रंग जरूर लाती हैं और रौनक जरूर आती है।
नए साल 2021 (New Year, New Hopes) में हर वह चेहरा मुस्कुराएगा, जो मुस्कुराना भूल गया था। हर किसी की आँखें फिर से बड़े सपने देखेंगी, जो सपना शब्द भूल गई हैं।
अब घरों के जाले हटेंगे, पांवों के छाले मिटेंगे। दुख सारे होंगे खत्म, खुलकर मुस्कुरायेंगे हम।
और हाँ, मैं भी इंतज़ार कर रहा मुम्बई जाने का। ऑफिस में दोस्तों के मटरगश्तियाँ करने का। शूटिंग करने का। और यह नए साल में होने जा रहा है।
इसी विश्वास के साथ मैं आपलोगों से विदा लेना चाहूंगा। ज़ल्द ही मिलता हूँ। आपको कैसा लगा मेरा पोस्ट, कमेंट्स में ज़रूर बताईये पढ़ते रहिये ".Silsila Zindagi Ka"
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