Orchestra Dance शामियाने तो आज भी हैं, पर नाच के दीवाने ( Dance Audience ) अब नहीं आते। बारात ( Barat ) तो आती है, पर दिल से दिल को मिलाने ...
Orchestra Dance
शामियाने तो आज भी हैं, पर नाच के दीवाने (Dance Audience) अब नहीं आते। बारात (Barat) तो आती है, पर दिल से दिल को मिलाने वाली वह सौगात (Barat Dance India) अब नहीं आती। पुड़ी और पकवान तो वही है, पर प्यार जताकर खाने वाले वो मेहमान अब नहीं आते। घर के दुवरा पर अब रौनक नहीं लगती, क्यूंकि वो बारात (Barat Utsav) लगाने वाले अब नहीं आते।
दोस्तों! कितना कुछ बदल गया है ना समय के साथ। सब कुछ! मैं, आप, हम! हालात, बात, मुलाकात, बारात! अब तो सब कुछ जैसे सिमटता जा रहा है।
अरे यार! फलां की कल बारात आ रही है ना? हाँ यार और बरियार नाच है। हाँ, हाँ पता चला है फलां पार्टी के नाच आ रहा है। यार तब तो कुछ भी हो जाये हम जाएंगे।
एक बारात, दिल खोलकर ढेरों बात और फिर मुलाकात। यह मुलाकात तो बस एक बहाना है, हमें तो बस नाच (Barat Naach) देखने जाना है। चाहे कुछ भी हो जाये- आज जो बारात आ रही है ना, उसका नाच (Orchestra Dance Video) नहीं छोड़ेंगे।
दोस्तों! कुछ याद आया? यह सारी बातें अपने गांव (Village Marriage) की ही तो है। ये सारी खुशियाँ किसी बारात में आये हुए नाच की ही तो है। कितनी खुशियाँ, कितना उमंग!
वर्तमान समय में गांव में हूँ और लगन शुरू है। ऐसे में गांव में आई एक बारात समारोह में जाना हुआ। जहाँ नाच आया था। उन नाच को नाचते देखकर उनकी तस्वीर (Marriage Dance Images) को अपने कैमरे में कैद किये बिना नहीं रह सका।
फिर अचानक मेरे मन में यह ख्याल आया-- क्या आज भी नाच को लेकर लोगों में वही दीवानगी (Dancers) है, जो पहले हुआ करती थी! क्या ठुमके लगा रही इन लड़कियों (Dance in village)की कला को आज भी इतना ही सम्मान मिलता है, जितना कि इन्हें मिलता था या जितने की ये हक़दार हैं!
दोस्तों! यह यथार्थ है कि जैसे-जैसे दौर बदलता है, हम भी बदलना शुरू करते हैं और जब हम बदलते हैं तो कही ना कही समाज की हर परिस्थिति का स्वरूप भी बदलना शुरू हो जाता है।
सोशल मीडिया की क्रांति ने लोगों को हर कला (Dance Steps) से दूर कर रखा है। आप खुद देख लीजिए- धीरे-धीरे बारात की कई चीजें विलुप्त होती जा रही हैं।
घुड़ दौड़, लवंडा नाच,(Lavanda Naach) स्टेज नाच, रात की रौनक-- कहीं ना कहीं सब कुछ बदलता जा रहा है। अब तो जल्दीबाजी में सब कुछ हो रहा है।
पर वास्तविक बारात का मज़ा गायब होता जा रहा है। कुल मिलाकर हम यह कह सकते हैं कि बड़ी बारात का बड़ा स्वरूप, समय के साथ अब सिकुड़ता जा रहा है।
शाम को सजी बारात, उस बारात में कई अलग दिल एक साथ- यारों! कुछ तो है बात जो यादगार बनाती है इस जश्न के सबसे खास लम्हे को।
चलिए नाच की तरफ लौटते हैं- स्टेज पर नाचने वाली लड़कियों (Marriage Dance) की कला आज भी इतनी शानदार है कि हम उसके दीवाने हो जाते हैं। पर ना जाने क्यूँ- दीवानगी दिखाने का अंदाज़ या नाच (Marriage dance images) देखने वाला मिजाज लोगों का बदलता जा रहा है।
पर एक बात आप देखिए- नाचने वाली (Dancers of orchestra) लड़कियों की कला कितनी कमाल की होती हैं। संजीदगी से हर एक स्टेप को फॉलो करती ये नर्तकियां आपके दिल पर दस्तक दे जाती हैं।
पर धीरे-धीरे स्टेज गायब होते जा रहे हैं। अब तो गिनी-चुनी नाच पार्टियों में वाद्य बजाने वाले आपको नज़र आ पाएंगे, वरना सिर्फ रिकॉर्डिंग डांस का जमाना चल रहा है।
ना जाने क्यूँ मेरे मन में ऐसा ख्याल आ रहा है कि आने वाले और कुछ वर्षों में नाच का सिस्टम (Vivaah Naach) समाप्त हो जाएगा और इसकी वजह है- बदलता शादी विवाह का समय और रिवाज़।
लेकिन यह बात सच है कि बारात (Gaon ki baarat) वही, जिसमें कुछ बात हो, और बात तभी आएगी जब शानदार नाच हो। तो आईये इस रिवाज़ को आगे लेकर चलते हैं और बारात की रौनक में पहले की तरह ही चार चाँद लगाते हैं।
दोस्तों! इस विषय पर आपका क्या विचार है? मुझे कॉमेंट्स में बताईये और पढ़ते रहिये मेरा ब्लॉग (सिलसिला ज़िन्दगी का) Silsila Zindagi Ka. जल्द ही मिलता हूँ एक नए विषय के साथ। तब तक के लिए बाय!
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