जंग तो चंद रोज़ होती है किसी शायर ने क्या खूब कहा है- "लोग लूट जाते हैं एक घर बनाने में, तुम तरस भी नहीं खाते बस्तियों को जलाने में...
जंग तो चंद रोज़ होती है
किसी शायर ने क्या खूब कहा है- "लोग लूट जाते हैं एक घर बनाने में, तुम तरस भी नहीं खाते बस्तियों को जलाने में"।
Log Loot jaate hain Ek ghar banaane mein,
Tum Taras bhi nahi khaate bastiyon ko jalaane mein
Welcome to my blog "Silsila Zindagi Ka". स्याही की जगह आंसुओ से यह पोस्ट लिख मेरी कलम यही कहती है कि "जंग तो चंद रोज़ होती है, ज़िंदगी वर्षों तलक रोती है" (Jung toh Chand Roj hoti hai song).
Ukrain VS Russia War अभी तक जारी है। Ukraine बर्बादी की कगार पर पहुंच गया है। ऊंची और चमकती इमारतें अब खंडहर बन चुकी हैं। पेड़-पौधे आग की लपटों में जलकर सूख गए हैं।
सड़कें रो रही हैं। गलियों के दम घूँट रहे हैं। चौबारों को अपनी दुर्दशा देखकर यकीन ही नहीं हो रहा है। बारूद से सारा जहां बोझिल हो चुका है। हवा से मौत की बू आ रही है।
बेटे चीत्कार फाड़कर रो रहे हैं। माएँ रातों में रो रही हैं। सबकी निगाहें यूक्रेन-रूस यद्ध पर टिकी हुई हैं। गोलियों की शहर और गाँवों में गूंज सुनाई दे रही हैं।
सायरन की आवाज़ लोगों के दिल में डर पैदा कर दे रही है। तोप और मिसाइल कब, कहाँ गिर जाए कोई कह नहीं सकता है।
फिलहाल हम यही दुआ करते हैं कि सबकी "सिलसिला ज़िंदगी का" बरकरार रहे और सब कुछ सही हो जाये।
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