हिंदू धर्म में अक्षय तृतीया का अपना अलग और विशेष महत्व है। यह दिन तप, तीर्थ, व्रत और दान के लिए विशेष रूप से अपना महत्वपूर्ण स्थान रखता है। ...
हिंदू धर्म में अक्षय तृतीया का अपना अलग और विशेष महत्व है। यह दिन तप, तीर्थ, व्रत और दान के लिए विशेष रूप से अपना महत्वपूर्ण स्थान रखता है। कहते हैं कि अक्षय तृतीया के दिन मांगलिक कार्य करना अपने आप में अत्यंत शुभ माना जाता है। यह पर्व हर साल वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाया जाता है।
अक्षय तृतीया की प्रतीक्षा दान, पुण्य और तीर्थ करने वाले बड़े बेसब्री से करते हैं। तो आज हम अक्षय तृतीया के बारे में बात करेंगे।
अक्षय तृतीया पर निबंध
अक्षय तृतीया पर 11 वाक्य (11 Lines on Akshya Tritiya)
यहाँ आपको बेहद ही सरल शब्दों और भाषा में अक्षय तृतीया के बारे में जानने को मिलेगा। उम्मीद है आपको हमारा यह लेख बहुत पसंद आएगा।
Akshya Tritiya par 11 Vakya -- Set 1
1) अक्षय तृतीया के दिन सूर्य मेष राशि में और चंद्रमा वृष राशि में होता है।
2) यह वैशाख में शुक्ल पक्ष की तीसरी तिथि है, जो आमतौर पर अप्रैल या मई में आती है।
3) यह भी माना जाता है कि अक्षय तृतीया के दिन सूर्य और चंद्रमा अपने सबसे चमकीले रूप में होते हैं।
4) वैशाख शुक्ल पक्ष तृतीया अक्षय तृतीया के दिन ही भगवान परशुराम का जन्म हुआ था।
5) इस तिथि पर किये कार्य की कभी क्षय नहींं होती।
6) सनातन धर्म शस्त्रों के अनुसार यदि अक्षय तृतीया रोहिणी नक्षत्र के साथ सोमवार या बुधवार को पड़े तो इसका महत्व और भी बढ़ जाता है।
7) अक्षय तृतीया के दिन व्यक्ति कोई भी शुभ काम कर सकता है।
8) ऐसी मान्यता है कि इस दिन गंगा स्नान करने से नकारात्मक शक्तियों से छुटकारा मिलता है।
9) शास्त्र के अनुसार अक्षय तृतीया के दिन पितृ श्राद्ध भी किया जा सकता है।
10) इस दिन पूर्वजों के नाम पर दान करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है।
11) अक्षय तृतीया का दिन मांगलिक कार्यों के लिए अत्यंत शुभ माना गया है।
Akshya Tritiya par 11 Vakya -- Set 2
1) अक्षय तृतीया वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की तृतीय तिथि को मनाई जाती है।
2) माना जाता है कि इस दिन कोई भी शुभ कार्य करने के लिए पंचागं देखने की जरूरत नहीं है।
3) अक्षय तृतीया पर किए गए कार्यों का कई गुना फल प्राप्त होता है।
4) इस साल अक्षय तृतीया पर शनि की चाल बदलना भी एक विशेष घटना है जिसका प्रभाव सभी राशियों पर अगले 6 महीने तक देखने को मिलेगा।
5) पुराणों में बताया गया है कि यह बहुत ही पुण्यदायी तिथि है।
6) इस दिन मां गंगा स्वर्ग से धरती पर अवतरीत हुई थीं।
7) इस दिन मां अन्नपूर्णा का जन्मदिन भी मनाया जाता है
8) इस दिन गरीबों को खाना खिलाया जाता है और भंडारे किए जाते हैं।
9) अक्षय तृतीया के अवसर पर ही महर्षि वेदव्यास जी ने महाभारत लिखना शुरू किया था।
10) भगवान शंकरजी ने इसी दिन भगवान कुबेर माता लक्ष्मी की पूजा अर्चना करने की सलाह दी थी।
11) अक्षय तृतीया के दिन ही पांडव पुत्र युधिष्ठर को अक्षय पात्र की प्राप्ति भी हुई थी।
निष्कर्ष
अक्षय तृतीया आपके जीवन में मंगल ही मंगल काम करने का अवसर प्रदान करे। आप हमेशा खुश रहें। आपको भगवान सुख, शांति और समृद्धि प्रदान करें।
मुझे उम्मीद है कि अक्षय तृतीया पर ऊपर दी हुई 11 पंक्तियां आपको पसंद आयेगी और आप इस दिन हंसी खुशी दान, पुण्य अवश्य करेंगे।
Frequently Asked Question on Akshha Tritiya ( अक्षय तृतीया पर अक्सर पूछे जाने वाले सवाल)
1. अक्षय तृतीया के दिन को अक्षय पात्र की प्राप्ति किसे हुई थी?
उत्तर: अक्षय तृतीया के दिन पांडव पुत्र युधिष्ठर को अक्षय पात्र की प्राप्ति भी हुई थी।
2. अक्षय तृतीया के अवसर किसने महाभारत लिखना शुरू किया था?
उत्तर: अक्षय तृतीया के अवसर पर ही महर्षि वेदव्यास जी ने महाभारत लिखना शुरू किया था।
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