ZINDAGI LIVE PART 1 नमस्कार दोस्तों! मैं हूँ अनिल। स्वागत करता हूँ आप सभी का आज के अपने BLOG पोस्ट " Zindagi Live Part 1: मर्डर की गुत्...
ZINDAGI LIVE PART 1
नमस्कार दोस्तों! मैं हूँ अनिल। स्वागत करता हूँ आप सभी का आज के अपने BLOG पोस्ट "Zindagi Live Part 1: मर्डर की गुत्थियों में उलझती जिंदगी" में। Silsila Zindagi Ka blog का आज का यह पोस्ट थोड़ा अलग होने वाला है. Zindagi Live Part 1 की शुरुवात करते हैं।
Zindagi Live Part 1: कहाँ से शुरु करें?
मर्डर की गुत्थियों में उलझती कई जिंदगी की कहानी हैं, जिसे समेटना बड़ा ही मुश्किल है। बेवज़ह दरिंदगी की सूली पर चढ़ती कई ऐसी कहानियां है जो हर रोज दिल को दहला देती है।
अखबारों के पन्ने हर रोज़ लाल लहू में रंगे होते हैं। टीवी के पर्दे खूनी जुबानी सी कहानी कहते हैं। देश के किस कोने से कौन सी दहला देने वाली खबर आ जाए किसी को पता नहीं। इसलिए समझ नहीं आ रहा कि शुरुआत कहां से करें?
Zindagi Live Part 1: तो चलिए दिल्ली चलते हैं
अभी कुछ दिनों की ही बात है एक एक मर्डर मिस्ट्री बहुत जोरों से चर्चे में थी। आफताब नाम के एक शख्स ने अपनी गर्लफ्रेंड श्रद्धा वाकर को बेरहमी से मार डाला और उसके टुकड़े-टुकड़े करके उसकी लाश को फ्रिज में रख दिया और उसे फिर जंगल में घूम घूम कर फेकता रहा।
जब यह वारदात हुई थी तब पूरा हिंदुस्तान दहल गया था। सबके दिलों को झकझोर कर रख दिया था इस वारदात ने। कुछ दिनों तक मीडिया में चर्चे हुए, हंगामे हुए फिर। धीरे-धीरे बात थमती गई।और इसकी वजह यह
आज यह बात पूरी तरह से थम चुकी है. यही वज़ह है कि आफताब और श्रद्धा वाकर की कहानी साइड हो गई उसकी जैसी और कई कहानियां जन्म ले ली।
Zindagi Live Part 1: निक्की यादव और साहिल गहलोत की मर्डर मिस्ट्री
चलिए हम आपको फिर से एक बार दिल्ली लेकर चलते हैं। जहाँ फिर दिल्ली के दहल जाने से हिंदुस्तान दहल गया है। यह कहानी है निक्की यादव और साहिल गहलोत की।
दोनों कई सालों से लिव इन रिलेशन में रह रहे थे। साहिल गहलोत का जी जब निक्की यादव से भर गया तब उससे दूरियाँ बनाने लगा। अचानक साहिल की शादी दूसरी लड़की से तय हो जाती है और जब निक्की यादव इस बात का विरोध करती है तब साहिल कार में ही उसकी गला घोंट देता है।
यह कहानी सिर्फ एक श्रद्धा-आफ़ताब और निक्की-साहिल की नहीं है। बल्कि यह कहानी है उन जिंदगानियों की जिनकी कहानियाँ लोगों की जुबाँ पर सदियों तक याद रहेगी।
पर सवाल यही। आखिर मर्डर की गुत्थियों में उलझती हुई इन जिंदगानियों का जिम्मेदार कौन है? क्या वो लड़कियां जो ऐसे हत्यारे लड़कों के चंगुल में फंसकर अपना सब कुछ उन्हें सौंप देती है या ऐसे लड़के जो पहले प्यार की जाल में मासूम लड़कियों को फंसाते हैं और जी भर जाने के बाद इन्हें मौत के घाट उतार देते हैं?
सवाल बहुत हैं। सवाल इतने और ऐसे-ऐसे हैं, जिनके तले दबा भारत सिसक रहा है। लेकिन एक बात तो तै है कि इस तरह की वारदात को अंज़ाम देने वाले हत्यारों को सिर्फ और सिर्फ एक नाम दिया जा सकता है- हत्यारा। इन्हीं सवालों के साथ मैं आपको यही छोड़े जाता हूँ।
मिलता हूँ आपसे जल्दी ही एक नये विषय के साथ। पढ़ते रहिए सिलसिला ज़िंदगी का।
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