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Silsila Zindagi Ka: आ रहा हूँ एक नए मकसद के साथ

Welcome to Silsila Zindagi ka अपने, पराये...जाने बेगाने...सबको छोड़कर निकल जाओ एक यात्रा पर. एक अनंत यात्रा पर. जहाँ ज़िंदगी के मकसद तो कई हों...

Welcome to Silsila Zindagi ka

अपने, पराये...जाने बेगाने...सबको छोड़कर निकल जाओ एक यात्रा पर. एक अनंत यात्रा पर. जहाँ ज़िंदगी के मकसद तो कई होंगे पर उनमें से सिर्फ एक मकसद आपका होगा. सिर्फ हाँ, सिर्फ उस मकसद के लिए लड़ना है जो एक मकसद आपका है और वही मकसद आपको नई उड़ान और नई पहचान देगा. 

Silsila Zindagi Ka: आ रहा हूँ एक नए मकसद के साथ


जैसे जब भी मैं भात्र्तीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी को देखता हूँ, मुझे यही मकसद याद आ जाता है. गेंदें हजारों आती हैं पर धोनी का पहला मकसद होता है...पहले विकेट पर टिकना. जब विकेट पर टिक गए तो दुसरा मकसद होता है...टीम को जीत दिलाना!

एक मकसद नहीं होगा, तो आप अच्छे काम के लिए भाग नहीं पाओगे और जब आप अच्छे काम के लिए भाग नहीं पाओगे तो आप अपनी अलग पहचान नहीं बना पाओगे. इसलिए आपको एक ऐसा मकसद तै करना होगा जिसमें गति हो और उस मकसद का भी कोई मकसद हो. 

ज़िंदगी के सफर में कई उतार-चढ़ाव आयेंगे, अकी बार आप पीछे धकेल दिए जाओगे...कभी हालात के द्वारा, कभी वक़्त के द्वारा. पर ध्यान यही रखना होगा की किसी भी हाल में हार नहीं माननी है. क्योंकि इंसान के जिद्द के सामने कुछ भी टिक नहीं सकता है. 

मैं आज भारत के माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी को देखता हूँ, तो ना मैं उन्हें सिर्फ एक प्रधानमंत्री के रूप में देखता हूँ, बल्कि उनका मकसद, उनका सपना, उनकी चाहत और उनके मेहनत के रंगों को देखता है. सिर्फ एक मकसद- हमारा भारत दुनिया में सबसे आगे रहे. 

ऐसी ही कुछ ज़िंदगी है और इस ज़िन्दगी की कहानी भी. अगर आपका मकसद साफ़ है तो याद रखिये... इस दुनिया में कोइ भी ऐसी शक्ति नहीं है जो आपको मात दे सके. बस आपको हर हाल में अडिग खड़ा रहना है. 

आज मैं कभी-कभी अपने आपको हारा हुआ महसूस करता हूँ. कभी थका हुआ महसूस करता हूँ. ऐसा लगता है मैं बहुत टूट चुका हूँ. आज लगता है मैं वक़्त की रफ़्तार से बहुत पीछे छूट चुका हूँ. लेकिन जब भी कभी ऐसा होता ही, मेरी आंतरिक शक्ति मुझे आवाज़ देकर कहती है- You are The Best. तुम कभी हार ही नहीं सकते हो. 

मैं अपनी ज़िन्दगी को हमेशा ऐसे देखता हूँ, जैसे मैं नहीं जी रहा हूँ...बल्कि मेरी ज़िंदगी मुझे जी रही है. मुझे महसूस कर रही है. मुझे देख रही है. मुझसे कुछ कह रही है, कुछ सुनाना चाह रही है. कुछ बताना चाह रही है. लेकिन एक मैं हूँ, जो हमेशा अपनी ज़िन्दगी की बातों को अनुसुना कर देता हूँ. मुझे यकीन है, अगर आज भी मैं अपनी ज़िंदगी की बातों को गौर से सुनना शुरू कर दूं  तो इस दुनिया में कोइ भी ताकत नहीं अहि जो मुझे मात दे सकती है. 

मैं अपनी ज़िन्दगी को बहुत करीब से देकता हूँ. मैं अपनी ज़िन्दगी को बखूबी पहचानता हों. मुझे पता है की मेरी और मेरी ज़िन्दगी का क्या रिश्ता है. आज मैं जो कुछ भी हूँ अपनी ज़िन्दगी की बदौलत ही हूँ. मैं हमेशा अपनी ज़िन्दगी और अपने मकसद को अपने करीब महसूस करता हूँ. 

मुझे मेरी उड़ान मेरी इस ज़िन्दगी से ही मिली है. मुझे मेरी पहचान मेरी ज़िंदगी से ही मिली ही. मैं वोह हूँ, जो मैं महसूस करता हूँ. मैं वह बनना चाहता हूँ, जो मैं चाहता हूँ. आज मेरे साथ मेरी परछाई बनकर कोइ अगर घूम रहा है तो वह मेरी ज़िंदगी ही है. 

मैं अपनी ज़िंदगी के साथ अपना वास्ता हमेशा रखना चाहता हूँ. मुझे इससे बहुत लगाव है, क्योंकि यही तो मेरी धुप और छाँव है. 

इस फलक पर, किसी आशियाँ में, इस ज़मीं के किसी कोने में, कसी रफ़्तार से गुज़रती हुयी हवा को देखता हूँ तो ऐसा लगता है, जैसे मैं उस हवा के साथ आगे बढ़ रहा हूँ.

अपने मकसद के साथ, आपसे करूंगा मुलाक़ात.  तब तक आप जुड़े रहिये हमारे साथ और पढ़ते रहिये आपका अपना ब्लॉग: SILSILA ZINDAGI KA.





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