एक बच्चे को देखा तो ऐसा लगा
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एक बच्चे को देखा तो ऐसा लगा

  पुणे शहर (Pune City) के एक चौबारे पर लंबा ट्रैफिक (Pune Traffic) लगा था. गाड़ियों की अच्छी खासी कतार. एक साइड की गाड़ियों की कतार के सामने मेरी नज़र जाती है और मैं देखता हूँ कि 5-6 साल का एक बच्चा रिंग ( Pune Beautiful Scene) में अपना शरीर बाहर निकाल रहा है और तरह-तरह की कलाबाजियां दिखा रहा है.

चौबारों की भीड़ में अपने वजूद की तलाश करती नन्हे कलाकार की कला

लोग उस बड़े गौर से देख रहे थे. और मेरी नज़र जैसे ही उसे पर पड़ी जैसे मुझे एक झटका लगा. और मेरे मुंह से खुद-ब-खुद निकल गया “वाह कलाकार (Artist on road Images) वाह...मुझे नाज़ है तुम्हारी कला पर”! “सिलसिला ज़िंदगी का” उस मासूम की ‘silsila Zindagi ka’ पर नाज़ करता है और उसे सालम करता है.

https://www.silsilazindagika.in.net/2024/03/31-inspirational-quotes-31.html

गाँव वाली होली

मैं उस समय बेबाक था, निःशब्द था और मेरे मानसिक पटल पर तरह-तरह के विचारों की अलग-अलग चित्र उभरने लगे थे. यूं तो हजारों की संख्या में वहाँ से हर रोज लोग गुज़रते होंगे, लेकिन पैसे देने के अलावा क्या कभी उस नन्हे कलाकार को सम्मान भी देता है, जिसका की वो हक़दार है?

चौबारों की भीड़ में अपने वजूद की तलाश करती नन्हे कलाकार की कला

हम तो कला (Art of Child) उसको कहते हैं जो बड़े मंचों पर की जाती है. हमारी तो कला वोही है जो टीवी के रुपहले परदे पर या बड़े पर्दे  पर किसी कलाकार द्वारा की जाती है. पर इस कलाकार की कला को आप क्या कहेंगे?

सिर्फ खेल...मजबूरी...लाचारी...?

तस्वीर में दिखने वाला यह नन्हा कलाकार ही नहीं, बल्कि इसकी तरह और भी हजारों नन्हे कलाकार अपनी पेट के लिए ऐसी-ऐसी कलाएं दिखाते हैं जिसे देखने के बाद हम दंग रह जाते हैं.

पर इनकी इस कला को तव्वजो देने वाला कौन है? मंच देने वाला कौन है? क्या इनकी कला इसी तरह चौबारे और सड़कों की भीड़ में धुल फांकती रहेंगी? क्या ये अपनी कला का सम्मान पाने के हक़दार नहीं हैं?

मैं तो कहता हूँ कि इससे बड़ी कला और ऐसे कलाकार की तरह और कोई है ही नहीं. कितनी मेहनत करते हैं ये।

पर अपने ब्लॉग के माध्यम से एक अनुरोध जरूर करना चाहूंगा- ऐसे नन्हे कलाकारों को मंच दे ना दें, पर आपके सामने जो पसर रहे हैं हाथ उन हाथों पर इनकी मेहनताना के रूप में कुछ पैसे जरूर दें और इनका हौसला बढ़ाएं ये बताने के लिए की तुम्हारी कला भी बेहतरीन कला है।

इसी उम्मीद के साथ कि इन नन्हे कलाकारों का "सिलसिला ज़िंदगी का" हमेशा चलता रहेगा और इनके चेहरे पर भी हमेशा मुस्कान झलकती रहेगी।

तो दोस्तों! जल्द ही मिलते हैं एक नए पोस्ट के साथ। तब तक मुस्कुराते रहिये। Bye-Bye!


 

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