दुष्यंत कुमार की 21 प्रेरणादायक हिंदी शायरी
दुष्यंत कुमार हिंदी साहित्य के वह चमकते सितारे थे जिनकी शायरी में सच्चाई, संघर्ष, और बदलाव की आग झलकती है। उनकी रचनाओं में जीवन की कठिनाइयों को मात देने का जज़्बा और समाज को बेहतर बनाने की प्रेरणा दोनों मिलते हैं। यहाँ हम आपके लिए लेकर आए हैं दुष्यंत कुमार की 21 बेहतरीन प्रेरणादायक शायरियाँ, जो आपको हार ना मानने, सच का साथ देने और अपने सपनों के लिए लड़ने की शक्ति देंगी।
दुष्यंत कुमार की 21 प्रेरणादायक शायरियाँ
कहाँ चिराग़ मयस्सर नहीं शहर के लिए।
इस हिमालय से कोई गंगा निकलनी चाहिए।
मैं किसी पुल-सा थरथराता हूँ।
मेरी कोशिश है कि ये सूरत बदलनी चाहिए।
कमाल है कि तुम्हें फिर भी यक़ीन नहीं।
हर एक सज़ा से पहले हमें सुना जाए।
ये हमारे गाँव के बच्चे पी रहे हैं।
कि तुम्हारे घर की दीवार हिल गई होगी।
तब तक किसी भी रात को सुबह बनाना मुमकिन है।
खुद को बदलना पड़ता है।
अब अपने लिए भी कुछ करना होगा।
ये सोच का स्तर चाहिए।
निष्कर्ष
दुष्यंत कुमार की शायरी केवल शब्द नहीं, बल्कि एक आंदोलन है जो हमें अन्याय के खिलाफ़ खड़े होने, सच्चाई के लिए लड़ने और जीवन में आगे बढ़ने की प्रेरणा देता है। अगर आप अपने जीवन में किसी मुश्किल दौर से गुज़र रहे हैं, तो इन पंक्तियों को पढ़कर आपको यक़ीनन हिम्मत और नई ऊर्जा मिलेगी।
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