Heart Touching Ghazal मुट्ठी से अगर रेत फिसलती है तो फिसल जाने दे ये तन्हाई का मौसम है थोड़ा इसे बदल जाने दे एक नया सवेरा ज़रूर ...
Heart Touching Ghazal
मुट्ठी से अगर रेत फिसलती है तो फिसल जाने दे
ये तन्हाई का मौसम है थोड़ा इसे बदल जाने दे
एक नया सवेरा ज़रूर होगा फिर से देखना
बस आज की शाम इस सूरज को ढ़ल जाने दे
बीते हुए कल की फिक्र में वक़्त जाया ना कर
जो आने वाला है कल बस वो कल आने दे
ये गुस्ताख़ दिल है यूं कहां आसानी से मानता है
थोड़ा समझौता कर इससे और इसे बहल जाने दे
ये पल बेरहम है नहीं मिलेगा ज़ख्मों का मरहम यहां
दर्द को सीने में छुपा और यह बेदर्द पल जाने दे
फिर से एक नया इतिहास पैदा होगा ज़रूर एक दिन
बस इन लड़खड़ाते कदमों को थोड़ा संभल जाने दे
अब सुकूं की ज़िंदगी जीने का कोई बहाना ढूंढ "अनिल"
तड़प और बेचैनी की किताबों को फाड़ और जल जाने दे
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मुट्ठी से अगर रेत फिसलती है तो फिसल जाने दे
ये तन्हाई का मौसम है थोड़ा इसे बदल जाने दे
एक नया सवेरा ज़रूर होगा फिर से देखना
बस आज की शाम इस सूरज को ढ़ल जाने दे
बीते हुए कल की फिक्र में वक़्त जाया ना कर
जो आने वाला है कल बस वो कल आने दे
ये गुस्ताख़ दिल है यूं कहां आसानी से मानता है
थोड़ा समझौता कर इससे और इसे बहल जाने दे
ये पल बेरहम है नहीं मिलेगा ज़ख्मों का मरहम यहां
दर्द को सीने में छुपा और यह बेदर्द पल जाने दे
फिर से एक नया इतिहास पैदा होगा ज़रूर एक दिन
बस इन लड़खड़ाते कदमों को थोड़ा संभल जाने दे
अब सुकूं की ज़िंदगी जीने का कोई बहाना ढूंढ "अनिल"
तड़प और बेचैनी की किताबों को फाड़ और जल जाने दे
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