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मैं नशे में हूँ |

किसी को नशा है प्यार का किसी को नशा है ऐतबार का किसी का हर पल गुज़रता है       बेकरारी में तो किसी को नशा है इंतज़ार का. देखकर ...







किसी को नशा है प्यार का
किसी को नशा है ऐतबार का
किसी का हर पल गुज़रता है
      बेकरारी में
तो किसी को नशा है इंतज़ार का.

देखकर  मेरी  दीवानगी  कुछ  पाने  की
लोगों  ने  कह  दिया  कि मैं  नशे  में हूँ
आहट सुनकर मेरे दर-बदर आने-जाने की
लोगों ने  कह  दिया  कि  मैं  नशे में हूँ.

कौन सा अल्फाज़ लिखूं उनके लिए
 जो वक़्त की आँधियों में बिखर गए
कौन सा लफ्ज़ लिखूं उनके लिए
जो गर्दिशों के दौर में भी संवर गए
वो चलते थे जिधर चल पड़ता था कारवाँ उधर
वक़्त ने ढाया ऐसा सितम
ना मालूम आज कि इधर गए या उधर गए.

जिनका वजूद खुद सह ना सका ज़माने की
वो भी कह गए कि मैं नशे में हूँ
आहत सुनकर मेरे दर-बदर आने जाने की
लोगों ने कह दिया कि मैं नशे में हूँ.

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