ऐसा नहीं कि तेरे जाने से ज़िन्दगी नहीं चलेगी
पर ज़िन्दगी में कुछ कमी रह जायेगी।
समझा लेंगें, बहला लेंगें, मना लेंगें इस दिल को      
पर आंखों में थोड़ी नमी  रह  जायेगी ।
सांसें भी चलेंगीं, धड़कन भी चलेंगीं इसी तरह
पर क्या ज़िन्दगी, ज़िन्दगी रह जाएगी ?
पर क्या ज़िन्दगी, ज़िन्दगी रह जाएगी ?
जाने वाले! ये तो बता के जा मेरी ख़ता क्या है
वर्ना ताउम्र मुझे ग़लतफ़हमी रह जाएगी।
वर्ना ताउम्र मुझे ग़लतफ़हमी रह जाएगी।
वो फ़ासला  भी  तुम्हारा, वो फैसला  भी  तुम्हारा  था
वो चाहत और मोहब्बत का सिलसिला भी तुम्हारा था
मैं वफ़ा करता रहा  तुमसे और  तुम  मुझसे  बेवफ़ाई
हर दर्द को छुपा कर जीये, ये हौसला  हमारा  था ।
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