तुम बार-बार कहती हो तुमसे ज़ुदा हो जाऊँगी तो फिर तुम्हारे बाद मेरी ज़िन्दगी में रहेगा कौन! पर जुदा होने से पहले हज़ार बार ये सोच लेना...
तुम बार-बार कहती हो तुमसे ज़ुदा हो जाऊँगी
तो फिर तुम्हारे बाद मेरी ज़िन्दगी में रहेगा कौन!
पर जुदा होने से पहले हज़ार बार ये सोच लेना
मेरे सिवा यहाँ तुम्हारे हज़ारो ज़ुल्म सहेगा कौन!!
जो मुझे मिला है वो बेवफ़ाई का अंज़ाम किसका है माना कि ज़ुबाँ से मिटा दिया।
पर जो तेरे दिल पर लिखा है वो नाम किसका है?
ये वक़्त का सितम है या ख़ुदा की ख़ुदाई है
एक तरफ दर्द है दुसरी तरफ शहनाई है!
ये मोहब्बत नहीं तो और क्या है ऐ खुदा!
उसकी डोली उठ रही है, मेरी आँख भर आई है!!
उनके दिए हर ज़ख्म को भुला रहे हैं हम
उनकी जफ़ा के हर निशाँ को मिटा रहे हैं हम।
देखो मोहब्बत करने का सिला क्या मिलता है
ख़ुद से ही ख़फ़ा हैं और ख़ुद को मना रहे हैं हम।
जिसके लिए मैं शायरी लिखा करता था
आज वो किसी और की ग़ज़ल बन गई!
उसकी बेवफ़ाई की आग में
आज मेरी चाहत जल गई।
जो हमेशा साथ देने का वादा की थी।
आज वो बेरुख़ी से बदल गई।
अभी भी भुला दो अगर मुझसे प्यार नहीं है
ठुकरा दो मुझे अगर मुझ पे ऐतबार नहीं है!
लेकिन हक़ीक़त है ये और तुम्हें भी मालूम है
तुम्हारे सिवा मेरा कोई और संसार नहीं है!!
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