मेरी निग़ाहों को अब भी तुम्हारा इंतज़ार है

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मेरी निग़ाहों को अब भी तुम्हारा इंतज़ार है

मेरी निगाहों को अब भी तुम्हारा इंतज़ार है 

आओगे  लौटकर फिर से  मुझे  ऐतबार है ।

तुम  बिन  मेरी अब हर ख़्वाहिश अधूरी है 

तुम  बिन  अधूरा  हूँ  मैं और दर्द हज़ार हैं ।।


तुम नहीं ज़िन्दगी में तो फिर क्या रह जाएगा  

टूटे  हुए  दिल का सिर्फ आशियाँ रह जाएगा । 

ज़िन्दगी  हो  कर  भी  ये  ज़िन्दगी  ना रहेगी 

ख़ुद  से  ही  ख़ुद  का  फ़ासला  रह  जाएगा ।।


टूटा हुआ दिल है और अश्क़ों का पैमाना है 

ऐ ज़िन्दगी! बता  कि  अब  कहाँ  जाना  है । 

पाने  की  तलाश  में  खोते   ही   गये   हैं  

ना अब मरने का और ना जीने का बहाना है ।।

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