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बहुत ज़रूरी है जीवन में अनुशासन का होना

हम बचपन से सुनते हैं कि अनुशासन ही देश को महान बनाता है। फिर ज़रा सोचिए, हमारी ज़िन्दगी में अनुशासन का कितना महत्व है? सच है कि अनुशासन के ब...

हम बचपन से सुनते हैं कि अनुशासन ही देश को महान बनाता है। फिर ज़रा सोचिए, हमारी ज़िन्दगी में अनुशासन का कितना महत्व है? सच है कि अनुशासन के बिना कोई भी इंसान अपने लक्ष्य तक पहुंच ही नहीं सकता। वो लोग अपनी ज़िन्दगी में जीत कर भी हार जाते हैं  जिनकी ज़िन्दगी अनुशासन के मार्ग पर नहीं चलती है।
आप इतिहास उठाकर देख लीजिए, दुनिया में जितने भी सफल लोग हैं या हुए  हैं उन्होंने अपनी ज़िन्दगी में अनुशासन का अनुसरण किया है। 



आप चाहे कितने भी प्रतिभावान हो, लेकिन आपकी दिनचर्या और आपका जीवन अनुशासन रहित है- निश्चित है कि आप सब कुछ होते हुए भी कुछ नहीं हासिल नहीं कर सकते। 
किसी ने कहा है- Discipilne is the practicing of making people, obey rules or standards of behaviour, and punishing them do not.

महान लोगों की नज़र में अनुशासन क्या है और उन्होंने अनुशासन के बारे में क्या कहा है, आईये देखते हैं।
 
1. अगर हम ख़ुद को अनुशासित नहीं करेंगे तो हमारा ये काम दुनिया करेगी- Frank Herbert

2. अनुशासन और अभ्यास से ही आत्म-विश्वास पैदा होता है- Robert kiyosaki

3. अपनी इच्छाओं पर अनुशासन ही आपके चरित्र का आधार है- Johne Loke

4. अनुशासन ही अपने जीवन के उद्देश्य और उपलब्धि के बीच का सेतु है- Jim Rohn


दोस्तों! अगर आप भी चाहते हैं अपने लक्ष्य को प्राप्त करना, अपने उद्देश्य की पूर्ति करना तो आप भी अनुशासन की राह पर चलना शुरू कर दीजिए। जिस दिन आपके जीवन में अनुशासन का प्रवेश हो गया फिर आपको महान बनने से कोई नहीं रोक सकता है। 

आपके जीवन में उसी दिन से अनुशासन का प्रवेश हो जाएगा, जब आप सोचना शुरू कर देंगे।

1. मैं कौन हूँ?
हमने अपने आस-पास ही बहुत सारे लोगों को देखा होगा, जो अपने को जानने और पहचानने के बज़ाय दूसरों के बारे में जानना चाहते हैं या कोशिश करते हैं। दूसरों की अच्छाईयों-बुराइयों पर उनका ध्यान ज़्यादा रहता है। जबकि उन्हें खुद मालूम नहीं कि वो कौन हैं? इसलिए पहले दूसरे को जानने से पहले ख़ुद से आप सवाल पूछिये "मैं कौन हूँ"?

2. मैं क्यों हूँ? 
ख़ुद से पूछिए आप दुनिया में क्यों हैं? आपका वज़ूद क्या है? आपने जन्म क्यों लिया है? आपका उद्देश्य किया है? जिस दिन आप अपने आप से यह सवाल पूछ लिए और आपको खुद से ही इसका ज़वाब में मिल गया, तो फिर समझिए कि आपको अपना व्यक्तित्व नज़र आने लगेगा और फिर आप समझ जाएंगे कि खुद को अनुशासित करना ज़रूरी है।

3. अपनी दिनचर्या बदलें
अगर आप कामयाब होने जाते हैं तो आपको किसी भी कीमत पर अपनी दिनचर्या बदलनी पड़ेगी। सुबह से ले कर आपका रात तक का क्या रूटीन होना चाहिए, उसको आपको फॉलो करना पड़ेगा। और यही एक अनुशासित व्यक्ति की पहचान है।

तो दोस्तों! चलिए आज से अपनी ज़िन्दगी को अनुशासन के मार्ग पर ले कर  चलते हैं और हर वो चीज़ हासिल करते हैं, जो हम चाहते हैं। अगर हमारे जीवन में अनुशासन ने जिस दिन दस्तक दे दिया, यकीन रखिये- "सिलसिला ज़िन्दगी का" यूँ ही चलता रहेगा!!



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