वो मेरे अरमानों के दीये बुझा के चल दिये
https://www.amazon.in/amazonprime?&linkCode=ll2&tag=news0c0f-21&linkId=38309fc63d473e62650c06df2fe88330&language=en_IN&ref_=as_li_ss_tl

ADVERTISMENT

Editors Choice

3/recent/post-list

वो मेरे अरमानों के दीये बुझा के चल दिये

वो  मेरे  अरमानों के दीये बुझा के चल दिये
मैं बेवफ़ा हूँ, ये  इल्ज़ाम  लगा  के चल दिये

मैंने  उनकी  हर ख़ता को दिल में छुपा लिया
वो मेरी  वफ़ा को भी ख़ता बताकर चल दिये

मेरी  आँखें  नम  थी  और  ज़ुबाँ  ख़ामोश था
वो देखे और बेरुख़ी से  मुस्कुरा कर चल दिये

अब के बिछड़े तो मिलेंगे फिर किसी मोड़ पर
वो मासूमियत से दिल को बहला के चल दिये

जिनके लिए मैंने ज़माने से  बग़ावत किया था
वो  बिना  सोचे  मुझे यूँ  ठुकरा  के  चल  दिये

जो साथ जीने-मरने की कसमें खाते थे मुझ से
वो पल भर में मुझे अपना ग़ैर बता के चल दिये

Post a Comment

0 Comments