अश्क आंखों में इस क़दर उतर गया
गिरा  हथेली  पर  और  बिखर गया 
मेरी मुस्कुराहट के पीछे कई ग़म हैं
और लोग सोचते हैं में निखर गया
जिस दर्दे-दिल से वास्ता तोड़ा था
वही दर्द फिर से दिल में ठहर गया
जिसे दिलो-जान से  चाहा  था  मैंने
ऐ मोहब्बत! बताओ वो किधर गया
जिसको अपना समझता था दिल से
वो  ही  मुझे   यूँ  बेगाना   कर  गया
ऐ दिल! अब चल सो जा  सुकूं  से
इश्क़ करने का  अब  वो पहर गया
एक दीवाना था जो लापता है अब
क्या मालूम वो ज़िंदा है या मर गया

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