Poem On Mother दोस्तों!! माँ से बढ़कर दुनिया में ना तो कोई बड़ा और ना ही कोई सुंदर अल्फ़ाज़ है। माँ की ममता और माँ का प्यार इस जहाँ में सबसे...
Poem On Mother
दोस्तों!! माँ से बढ़कर दुनिया में ना तो कोई बड़ा और ना ही कोई सुंदर अल्फ़ाज़ है।
दोस्तों!! माँ से बढ़कर दुनिया में ना तो कोई बड़ा और ना ही कोई सुंदर अल्फ़ाज़ है।
माँ की ममता और माँ का प्यार इस जहाँ में सबसे अनमोल है। कहते हैं कि "वो बड़े ख़ुशनसीब होते है, जिसकी दुनिया में माँ होती है।"
आज मैं अपने ब्लॉग के माध्यम से, बहुत फ़ुर्सत से कुछ पंक्तियाँ "माँ को समर्पित करता हूँ।
1.हर ख़्वाहिशें, हर दुयाएँ
उसके क़रीब होती है।
जिसके पास माँ होती है
उसकी ज़िन्दगी ख़ुशनसीब होती है।।
2. वो ज़िन्दगी भी
मौत से बड़ी हो जाएगी।
जिसके सामने
माँ आ कर खड़ी हो जाएगी।।
3. वो निकल गए
यात्रा पर चार धाम की।
पर मुझे तो
माँ के कदमों में ही जन्नत मिल गया।
4. माँ थी साथ में
हर बुरा वक़्त बीत गया।
उसने दे दी दुयाएँ
हारी बाज़ी भी मैं जीत गया।
5. ऐ ज़िन्दगी!
तूने तो मुझे बहुत रुलाया है।
पूछना मेरी माँ से
जब वो साथ थी, तो मुझे कितना ग़म था?
6. जो इश्क़ के लिए
माँ को छोड़ देते हैं।
उन्हें कहाँ पता कि
"प्यार" तो माँ से शुरू होता है।
7. माँ की लोरी सुनते ही
नींद भागी चली आती थी।
अब माँ पास नहीं है
तो हम नींद के पीछे भागते हैं।।
8.ऐ ज़िन्दगी!
मेरी उम्र का हिस्सा थोड़ा और ले ले।
पर बन जा मेरी माँ
जो मांगू वो मुझे दे दे।।
9. ना फ़ासला होता था
ना फैसला होता था।
जब माँ साथ थी
तो सिर्फ हौसला होता था।।
10. मेरी मज़बूरियां
मुझे घर छोड़ने को मज़बूर कर गईं।
मेरे घर लौटने के इंतज़ार में
मेरी माँ की आँखें भर गईं।।
दोस्तों! कैसी लगी "माँ" पर लिखी हुई ये पंक्तियाँ। ज़रूर बताएं।
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