SILSILA ZINDAGI KA दोस्तों! Pyar ज़िन्दगी में सबके लिए ज़रूरी होता है। इसके बिना ज़िन्दगी शायद अधूरी है। मैं सोचता हूँ कभी-कभी, ये Pyar ...
SILSILA ZINDAGI KA
दोस्तों! Pyar ज़िन्दगी में सबके लिए ज़रूरी होता है। इसके बिना ज़िन्दगी शायद अधूरी है। मैं सोचता हूँ कभी-कभी, ये Pyar होता तो क्या होता?
सोचता हूँ कभी-कभी
ये प्यार ना होता तो क्या होता?
हम ना होते तुम ना होते
दिल में, दिल का आशियाँ ना होता
ये प्यार ना होता तो क्या होता?
ज़िन्दगी ना होती और
इसकी कोई कहानी ना होती
ना मेरा वज़ूद ना तेरा होता
इस ज़िन्दगी का निशानी ना होती
ये प्यार ना होता तो क्या होता?
ग़म ना होते, खुशी ना होती
चेहरे पर कभी हंसी ना होती
ये बेख़ुदी का आलम ना होता
ज़िन्दगी में कोई बेबशी ना होती
सोचता हूँ कभी-कभी
ये प्यार ना होता तो क्या होता?
हम।ना होते तुम ना होते
दिल में, दिल का आशियाँ ना होता
Sochta hoon Kabhi-Kabhi
दोस्तों! Pyar ज़िन्दगी में सबके लिए ज़रूरी होता है। इसके बिना ज़िन्दगी शायद अधूरी है। मैं सोचता हूँ कभी-कभी, ये Pyar होता तो क्या होता?
सोचता हूँ कभी-कभी
ये प्यार ना होता तो क्या होता?
हम ना होते तुम ना होते
दिल में, दिल का आशियाँ ना होता
ये प्यार ना होता तो क्या होता?
ज़िन्दगी ना होती और
इसकी कोई कहानी ना होती
ना मेरा वज़ूद ना तेरा होता
इस ज़िन्दगी का निशानी ना होती
ये प्यार ना होता तो क्या होता?
ग़म ना होते, खुशी ना होती
चेहरे पर कभी हंसी ना होती
ये बेख़ुदी का आलम ना होता
ज़िन्दगी में कोई बेबशी ना होती
सोचता हूँ कभी-कभी
ये प्यार ना होता तो क्या होता?
हम।ना होते तुम ना होते
दिल में, दिल का आशियाँ ना होता
Sochta hoon Kabhi-Kabhi
Ye Pyar na hota to kya hota?
Ham na hote tum na hote
Dil me, dil ka Ashiyan na hota
Ye Pyar Na Hota to Kya hota?
Zindagi na hoti Aur
iski koi kahani na hoti
Na mera wazud na tera hota
Iss Zindagi ki nishani na hoti.
Ye Pyar Na hota to Kya hota?
Gham na hote, Khushi na hoti
Chehre par kabhi hansi na hoti
Ye bekhudi ka aalam na hota
Zindagi me koi bebashi na hoti
CONCLUSION
दोस्तों! कैसी लगी Pyar के ऊपर ये कविता....? ज़रूर बताइये। मिलते हैं अगले पोस्ट के साथ ज़ल्दी ही। Bye-Bye.
Ye bekhudi ka aalam na hota
Zindagi me koi bebashi na hoti
Sochta hoon Kabhi-Kabhi
Ye Pyar na hota to kya hota?
Ham na hote tum na hote
Dil me, dil ka Ashiyan na hota
CONCLUSION
दोस्तों! कैसी लगी Pyar के ऊपर ये कविता....? ज़रूर बताइये। मिलते हैं अगले पोस्ट के साथ ज़ल्दी ही। Bye-Bye.
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