Life मैंने एक दिन यूँ ही पूछा था मैंने ज़िन्दगी( Life ) से तू इतनी बेरहम क्यों है? तो ज़िन्दगी (Life) ने मुस्कुराते हुए मुझसे कहा थ...
Life
मैंने एक दिन यूँ ही पूछा था मैंने ज़िन्दगी(Life) से
तू इतनी बेरहम क्यों है?
तो ज़िन्दगी (Life)ने मुस्कुराते हुए मुझसे कहा था
ज़माने से तो कम ही ग़म देती हूँ मैं।
खुशियाँ अगर देती हूँ
तो ग़म भी मैं देती हूँ।
ज़ख्म भी मैं देती हूँ
तो मरहम भी मैं देती हूँ।।
जीने की वज़ह देती हूँ
मरने के बहाने देती हूँ।
दर्द भरे नग़में देती हूँ
खुशी भरे तराने देती हूँ।।
तुम्हें मोहब्बत देती हूँ
और इबादत देती हूँ।
जी लो जी भर के
इसका इज़ाज़त देती हूँ।।
ज़िन्दगी (Life) की यह बात सुन कर
मुझे मालूम हुआ कि
ठीक ही कह रही है ज़िन्दगी (Life)।
और फिर मैंने ज़िन्दगी (Life) से कहा
मत पूछो ज़माने ने क्या ग़म दिया है
ज़िन्दगी (Life)फिर भी तूने कम दिया है।
आसमाँ में चांद को देखकर हुआ यकीन
उजालों की बेवफाई ने ही
अंधेरों को जन्म दिया है।
जो आज है वो कल नहीं आएगा
जी लो इस पल को, ये पल नहीं आएगा।
कोशिश करते रहना यारों
बिना कोशिश कोई हल नहीं आएगा।।
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