Real Life: ज़िन्दगी की ताल पर थिरकते बचपन के ख़्वाब
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Real Life: ज़िन्दगी की ताल पर थिरकते बचपन के ख़्वाब

Real Life
महाराष्ट्र, पुणे का पिरंगुट एरिया। हसीन वादियों और पहाड़ों से घिरा यह इलाका बेशक़ बहुत ख़ुबसूरत है। इसी प्राकृतिक सुंदरता के बीच एक ऊंचाई पर स्थित एक छोटा सा मंदिर और यहाँ से दूर-दूर तक फैला नज़र आता Coca Cola Company. यहाँ का नज़ारा दिल को छू गया।

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लेकिन सबसे ज़्यादा दिल छूने वाला दृश्य, जो बहुत कम ही देखने को मिलता है। मंदिर के पास ही स्थित एक छोटी सी झोपड़ी और उस झोपड़ी के बाहर फैले हुए कई तरह के सामान। उसी झोपड़ी के बाहर दो बच्चे, अपने कंधे पर दो वाद्य यंत्र लटकाए हुए एक ताल में, सुर में सुर मिलाते हुए, ऐसे स्वर ध्वनि निकाल रहे थे जिन्हें देखकर मैं चौक गया। यह Reel लाइफ की नहीं, Real Life की तस्वीर  है। उम्र छोटी लेकिन जज़्बा बड़ा। कुछ कर गुज़रने का। 
उनके पास मैं गया। उनसे मैंने बात की। उन्होंने अपने बारे में बताया। दोनों जुड़वा भाई हैं। अभी 6 साल की उम्र है। पर दोनों कई तरह के वाद्य यंत्र बजाना जानते हैं। डफली, ढ़ोलक, नाल।आदि।
बचपन से ही इनके अंदर यह कला समाई हुई है। मैंने पूछा इनसे कि आप लोगों को बड़ा हो कर क्या बनना है? तो उनमें से एक नए मुस्कुराते हुए कहा- "बड़ा हो कर बड़ा बनना है"। मैं ज़वाब सुन कर चौक गया।
झोपड़ी।में रह कर जीवन यापन कर रहे इन बच्चों को नहीं मालूम कि इनका भविष्य क्या है? इन्हें नहीं मालूम कि ये क्या कर रहे हैं? लेकिन इन्हें इतना मालूम है कि इन्हें बड़ा हो कर बड़ा बनना है। यह इन दोनों बच्चों की Real Life की कहानी है। आँखें छोटी-छोटी हैं, लेकिन उनमें सपने बड़े- बड़े है। यह किसी वाद्य यंत्र की ताल नहीं हैं,बल्कि इनकी ज़िन्दगी की ताल है, जिन पर इनके बचपन के ख़्वाब थिरक रहे हैं और जाने कितनी Real Life की कहानियों को बयां कर रहे हैं।
चलते- चलते मैंने इन बच्चों से हाथ मिलाया। दोनों मुस्कुराए और हाथ हिला कर Bye बोले। मैने उनकी तस्वीर निकाली और वहाँ से चला आया।
लेकिन साथ में ले कर आया उन दोनों बच्चों के Real Life का  एक ऐसा दृश्य जो मुझे हमेशा याद रहेगा। 
मैं दिल से दुआ करता हूँ कि उन दोनों प्रतिभावान बच्चों के चेहरे पर यूँ ही मुस्कुराहट बरकरार रहे। इसी तरह उनके ज़िन्दगी की ताल पर बचपन के ख़्वाब थिरकतें रहें और इसी तरह उनका "Silsila Zindagi Ka" आगे बढ़ता रहे। 
इन्हीं दुआओं के साथ मैं आप सभी से विदा लेता हूँ। मिलता हूँ एक नए विषय के साथ ज़ल्द ही।

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