Hindi Poem: हम थे तुम्हारे सामने तुम थे हमारे सामने Nutan Phariya की कलम से हम थे तुम्हारे सामने तुम थे हमारे सामने, और महसूस ...
Hindi Poem: हम थे तुम्हारे सामने तुम थे हमारे सामने
Nutan Phariya की कलम से
हम थे तुम्हारे सामने तुम थे हमारे सामने,
और महसूस कर रहे थे एक दूसरे को।
ना तुमने कुछ कहा न मैंने कुछ कहा,
पर महसूस कर रहे थे एक दूसरे को।
हमारी आँखें सुना रही थी एक उदासी भरी दास्ताँ,
हमें पता था मिल न पाएंगे कभी,
पर मेरे ख्वाबों में तुम थे तुम्हारे ख्वाबों में हम
और महसूस कर रहे थे एक दूसरे को।
था हमारे भी दिल में वही शायद,
जो तुम्हारे दिल में,
नाम न दे उस रिश्ते को तो सही होगा,
न तुम्हारा रिश्ता था हमसे न हमारा रिश्ता था तुमसे,
पर महसूस कर रहे थे एक दूसरे को।
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