Hindi Poem: गर आज तू न आये
Written By: Nutan Phariya
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| Nutan Phariya | 
खोया-खोया ये शमां, तरसती ये फिजायें।
बेकरार दिल, उसपे मौसम कुछ फरमाये।
सुना-सुना सा दिन, रातें भरती आहें।
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| Poem of Nutan Phariya | 
बिन हवाएँ हिलती डाली,
बिना फूल भँवरे गुनगुनाएं।
जिस डगर बढ़ते है कदम ये,
वो बड़ी अंजान सी है राहें।
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| Agar aaj tu naa aaye | 
झूम रहा हर पल मन मेरा,
बिना खुशी आँचल लहराये।
घायल करता है हर इक लम्हा,
जो कभी तेरे साथ है बिताये।
पागल हो जाऊँगी जानम,
गर आज तू न आये।
NUTAN PHARIYA



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