Poem By Heart: अभी तक वो आया नहीं
शहर में बारिश शुरू हो चुकी थी, पर अभी तक वो लौट कर नहीं आया था। इसी पर आधारित है आज की कविता Love Poem: अभी तक वो आया नहीं
Love Poem: अभी तक वो आया नहीं
बारिश हो रही है शहर में,
पर अभी तक वो नहीं आया।
बीते बरस गया था कर के वादा
लौटूंगा फिर से ज़ल्दी ही।
लेकिन अभी तक वो आया नहीं।
उसके साथ बारिश की
बहुत यादें जुड़ी हैं।
जब छत के छज्जे से
बारिश का पानी गिरता था,
तो मैं अपने मेहंदी भरे हाथों को
बाहर निकाल देती थी।
और वो दौड़ता हुआ आता था
और मेरे हाथों को चूम के
बड़े प्यार से कहता था
I Love you.
फिर से बारिश हो रही है।
फिर से छत के छज्जे से
गिर रहा था पानी।
मैं खुश हो गई।
दौड़कर गई खिड़की पर
और अपने मेहंदी भरे हाथों को
मैंने बाहर निकाल दिया।
शायद कि कहीं से फिर से
वो मेरे मेहंदी भरे हाथों को
चूमने के लिए आ जाये।
काफी देर बीत गए।
लेकिन नहीं आया वो।
धीरे से मैंने अपने हाथ
को अंदर खींचा।
फिर से हो रही बारिश
मैंने गौर से देखा।
आंखों में आंसू आ गए।
मैं भागती हुई
अपने बेडरूम में आई।
दरवाज़े बंद की।
खिड़कियां बन्द की।
लेकिन बारिश की आवाज़
अब तो मेरे कानों में
और भी गूंज रही थी।
जैसे मुझ पर हंस रही थी।
दोस्तों! यह थी कविता Love Poem: अभी तक वो आया नहीं
2 Comments
Good
ReplyDeleteThanks...
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