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Soldier: भारत माँ का सपूत तिरंगे में लिपटा हुआ आया है

Soldier: भारत माँ का सपूत तिरंगे में लिपटा हुआ आया है आज का मेरा यह पोस्ट अपने ब्लॉग "सिलसिला ज़िन्दगी" के माध्यम से हमारे गा...


Soldier: भारत माँ का सपूत तिरंगे में लिपटा हुआ आया है
आज का मेरा यह पोस्ट अपने ब्लॉग "सिलसिला ज़िन्दगी" के माध्यम से हमारे गाँव के शहीद हुए ज़वान के नाम समर्पित है।
जय हिंद!
लफ्ज़ ख़ामोश है, हर्फ़ थरथरा रहा है।
सुना है जब से कि भारत माँ का सपूत
तिरंगे में लिपटा हुआ आ रहा है।

आँखें नम हैं, दिल में दर्द का सागर उमड़ पड़ा है। मेरी ग़ज़लें, मेरे गीत सब उदास हैं। जब सुना कि हमारे गाँव के एक वीर देश की सेवा करते करते अचानक से इस दुनिया को अलविदा कह गए।

उनका चेहरा याद आने लगा। एक अच्छे इंसान के साथ-साथ एक कर्म योद्धा का इस तरह से जाना निश्चित तौर पर सबके लिए दुख का क्षण है यह।

लेकिन तिरंगे में लिपटकर विदा होना भी हर किसी को नसीब नहीं होता है। वो भारत का माँ का सपूत चला तो गया हमेशा के लिए, लेकिन हमेशा के लिए अपनी यादें भी छोड़ गया। जो कभी मिट नहीं सकती

"आप लौट कर आ सके ना जहाँ में तो क्या
याद बन कर दिलों में रहोगे सदा"।
है भारत माँ के लाल! आपकी वीरता की गाथा इतिहास के पन्नों में हमेशा के लिए अंकित हो जाएगा। जब भी देश के सूरवीरों का नाम लिया जाएगा, आपका भी नाम बड़े फक्र से लिया जाएगा।

बस दुख तो इस बात का है "इस तरह भी कोई छोड़ के जाता है क्या"? ना कोई चिट्ठी, ना कोई संदेश। गाँव की गलियां, रस्ते, खेत और खलिहान सब उदास हैं। उन्हें यकीन ही नहीं हो रहा कि "जो हमसे फिर से मिलने का वादा कर के गए थे, वो आये तो सही, लेकिन खामोश हैं। सौ बार बोलने पर भी आवाज़ नहीं दे रहें।

तिरंगे में लिपटकर आप आये हैं। यह गर्व की बात है हम सब के लिए। आपका जाना दिल को ठेस पहुंचा गया, लेकिन आप पर फक्र भी करा गया।

वो मेरे सामने इस तरह आ कर खड़ी हो गई,
आपकी मौत आपकी ज़िंदगी से बड़ी हो गई।

पिछले कई वर्षों में आप देश की सेवा में कार्यरत थे। पूरी ईमानदारी और निष्ठा के साथ। आपने वक़्त और हर परिस्थिति को मात दिया तह, लेकिन ज़िन्दगी की जंग आप हार गए।

लेकिन मैं तो कहता हूँ कि आप हार कर भी जीत गए हैं। आपको हमेशा याद किया जाएगा आपकी कर्मशीलता के लिए। आपका नाम हमेशा गर्व से लिया जाएगा आपकी ज़िंदादिली के लिए।
भारत माता के वीर सपूत! आज का यह पोस्ट मैं आपके नाम करता हूँ और अपने ब्लॉग "सिलसिला ज़िन्दगी का" के ज़रिए आपको श्रद्धांजलि अर्पित करता हूँ!!जय हिंद!!

दोस्तों! आप भी दिल से "जय हिंद" लिखकर कमेंट करें और शहीद ज़वान (श्री राज गोपाल ठाकुर ) को श्रद्धांजलि अर्पित करें।

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