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कभी तो नज़र मिलाओ, कभी तो क़रीब आओ- ऐ ज़िन्दगी

ऐ ज़िन्दगी! कभी फुर्सत में तुम मुझसे मिलने तो आओ। हर रोज़ तुम्हारा इंतजार करता हूँ तू भी जानती है मैं तुमसे कितना प्यार करता हूँ? ताक...

ऐ ज़िन्दगी! कभी फुर्सत में
तुम मुझसे मिलने तो आओ।
हर रोज़ तुम्हारा इंतजार करता हूँ
तू भी जानती है
मैं तुमसे कितना प्यार करता हूँ?

ताकता हूँ राह तेरी हर पल
ऐसा लगता है मिलोगी आज नहीं तो कल
पर बीत गया एक जमाना
राह देखते- देखते
सबसे तेरा पता पूछ्ते-पूछते
पर अब तक तू नहीं आई

अब और ना तुम बहाने बनाओ
ऐ ज़िन्दगी! कभी फुर्सत में
तुम मुझसे मिलने तो आओ।

तुमसे मिलना चाहता हूँ
तुमसे बातें करना चाहता हूँ
तुम्हारी आगोश में
कुछ पल बीताना चाहता हूँ
करीब से तुमको देखना चाहता हूँ
तुम्हारे साथ पल दो पल
मुस्कुराना चाहता हूँ।

कभी तो आकर मुझे गले लगाओ
ऐ ज़िन्दगी! कभी फुर्सत में
तुम मुझसे मिलने तो आओ।

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