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Village Life: गाँव की हरियाली के सामने फीकी है शहरों की चकाचौंध

गाँव की ज़िंदगी ( Village Life ) की बात ही कुछ और है। गाँव की ज़िंदगी के बारे में जितना लिखा जाए कम है।अभी गांव आया हूँ और गांव की वाद...

Village Life: गाँव की हरियाली के सामने फीकी है शहरों की चकाचौंध

गाँव की ज़िंदगी (Village Life) की बात ही कुछ और है। गाँव की ज़िंदगी के बारे में जितना लिखा जाए कम है।अभी गांव आया हूँ और गांव की वादियों (Environment Of Village)  में विचरण कर रहा हूँ।
Village Life: गाँव की हरियाली के सामने फीकी है शहरों की चकाचौंध

शहर में मुस्कुराना (Smile in the City) पड़ता है बहुत कोशिशों के बाद, यहाँ तो हर कदम पर मुस्कुराने के हज़ारों बहाने हैं। यहाँ जो भी चेहरा (Smile in the village)  दिखता है, वही आपसे पहले मुस्कुरा उठता है।



मौसम कोई भी हो पर यहां आते ही आपका मिजाज़ और अंदाज़ दोनों बदल जाते हैं। हरे-भरे लहलहाते खेत (Greenery Field Of Village)  आपको अपनी तरफ खींचते हैं तो पतली सी सुंदर सड़क (Images Of Indian village) आपको अपने साथ चलने के लिए कहती है।

Village Life: गाँव की हरियाली के सामने फीकी है शहरों की चकाचौंध

यहाँ की दोस्ती और दोस्तों (Friends Of Village) की बात ही कुछ और है।   बस मिलो तो सही, मुस्कुराना हम सीखा देंगे। यहां भी सोशल मीडिया (Village images on Social Mediaकी क्रांति शुरू हो चुकी है। हो चुकी है नहीं रफ्तार में है, लेकिन अभी भी कहीं ना कहीं हर रिश्ता प्यार में है।
Village Life: गाँव की हरियाली के सामने फीकी है शहरों की चकाचौंध

गाँव की ज़िंदगी मुझे बेहद पसंद है। यहां के लोग (People of village), यहां के रास्ते, यहां की वादियाँ, यहां के हरे-भरे खेत, यहां के छोटे बाज़ार (Market of village), उस बाज़ार में मिट्टी के बड़े चूल्हे पर बड़ी कड़ाही में बनती जलेबियाँ, छोटे-छोटे लेकिन ज़बरदस्त स्वादिष्ट समोसे, चाट, गोलगप्पे सब कुछ अलग और स्वादिष्ट।
Village Life: गाँव की हरियाली के सामने फीकी है शहरों की चकाचौंध

सब कुछ जुदा है। सब जगह से जुदा है, क्योंकि यह गाँव है और गाँव की ज़िंदगी (City Life VS Village Life) का मुकाबला कभी शहर से नहीं किया जा सकता।
Village Life: गाँव की हरियाली के सामने फीकी है शहरों की चकाचौंध

माँ गंगा (Maa Ganga) मेरे घर के पास बहती हैं। इनकी कलकल करती हुई धारा (Maa Ganga ki dhara) हमें आभास कराती है उस परंपरा का, जो परम्परा हमारे गाँव में (Maa Ganga in My Village) सदियों से प्रवाहित होती आ रही हैं।
Village Life: गाँव की हरियाली के सामने फीकी है शहरों की चकाचौंध

बहुत समय बाद आया हूँ अपने गाँव, तो बहुत कुछ है जिसे मैं अपनी यादों की डायरी में लिखकर ले जाना जाना चाहता हूँ, लेकिन कुछ छोड़ भी देना चाहता हूँ क्योंकि फिर से लौटकर आने का बहाना तो चाहिए। वरना क्या पता, शहरों की चकाचौंध में हम भटक कर खो जाएं। 

मिलते हैं अगले पोस्ट में नए विषय के साथ। जुड़े रहिये हमारे ब्लॉग Silsila Zindagi Ka के साथ। Bye Bye!!

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