कोई प्लानिंग नहीं थी। कोई योजना नहीं थी। पहले से कोई बातचीत भी नहीं थी। नाम भी नहीं था कि Trimbkeshwar Darshan करने जाना है। लेकिन जब महाद...
कोई प्लानिंग नहीं थी। कोई योजना नहीं थी। पहले से कोई बातचीत भी नहीं थी। नाम भी नहीं था कि Trimbkeshwar Darshan करने जाना है।
लेकिन जब महादेव का बुलावा आ जाता है तो किसी योजना, किसी तैयारी की जरूरत नहीं होती है। बस महादेव के दीवाने महादेव का बुलावा होते ही निकल पड़ते हैं।
ऐसा ही हुआ हम लोगों के साथ। मैं और मेरे परिवार के सदस्य निकल पड़े मुम्बई से Mumbai-Nashik Highway से होते हुए त्रयम्बकेश्वर दर्शन के लिए।
श्री श्री 1008 श्री स्वामीजी महाराज
मुम्बई-नाशिक Highway पर हमारी गाड़ी उड़ रही थी और ऐसा प्रतीत हो रहा था, मानो महादेव ने हमें बुलाया है और हमारी रफ्तार को और भी तेज करते जा रहे हैं।
Mumbai to Trimbkeshwar की 178 km की दूरी हम बहुत जल्दी ही तय कर लेना चाहते थे। लेकिन दोपहर के समय भूख लगते ही हम कोई हॉटेल या रेस्टॉरेंट में पहुँच जाना चाहते थे ताकि पेट पूजा कर सकें।
और हम पहुंचते है Mumbai-Nashik Highway Dhingra Hotel.
Dhingra Hotel's PVT.LTD. में अंदर जाते ही हमें एक अलग सुकून का एहसास हुआ। स्टार्टर से हमारी पेट पूजा की शुरुआत हुई। पनीर और Corn Vegetebale.
फिर इसके बाद हमारा खाना स्टार्ट हुआ। पनीर पालक, तंदूरी, नॉन, चावल, आलू पराठा साथ ही और भी कई तरह के व्यंजन।
पेट पूजा के बाद हम लोगों ने होटल में लगे मज़ेदार डॉयलाग के पोस्टर्स को भी देखा। जहाँ खाना को हजम करने में इन डायलॉग्स ने अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
फिर हमारी गाड़ी दौड़ रही थी Highway पर और Trimbkeshwar के नज़दीक पहुंचते ही "गुडायचा चाय" यानी गुड़ की स्वादिष्ट चाय ने हमारे इस सफर को शानदार बना दिया।
रात को रुकने के लिए हमने फॉर्म हॉउस (Form House in Trimbkeshwar) बुक कर रखा था। बिल्कुल गाँव जैसे क्षेत्र में जाकर। GREEN PARADISE TRIMBKESHWAR.
नज़ारे तो बहुत अच्छे थे वहाँ के। प्ले ग्राउंड भी अच्छा था। लेकिन रात को कुछ ग्रामीण लोगों ने आकर वहाँ ड्रिंक करना शुरू कर दिया। जिससे सारा माहौल हमारा खराब हो चुका था।
ना तो हम बच्चे के साथ बाहर घूम सकते थे और ना ही वहाँ रात को हमारे लिए रुकना आसान था। क्योंकि 3 बजे सुबह तक लोकल लोगों की पार्टी चलती रही और चिल्लम चिल्ली होती रही।
जबकी हम लोग फैमिली हॉटेल के नाम पर रूम बुक करवाये थे। लेकिन वहाँ जाने के बाद हमने देखा कि फैमिली जैसा कोई माहौल नहीं है। यानी हमारा पूरा पैसा बेकार गया और साथ ही हमारा दिमाग भी खराब हुआ।
सुबह 7 बजे का समय
हम हॉटेल से निकल चुके थे त्रयम्बकेश्वर मंदिर की ओर। सड़क पर भागती कार के साथ सुबह का नज़ारा शानदार और जानदार था। हृदय और मन दोनों में भक्ति का रस बह रहा था। बस हम त्रयम्बकेश्वर मंदिर में पहुंच जाना चाहते थे।
अंततः लाइन से होते हुए, बस थोड़ी देर की प्रतीक्षा के बाद ही हम खड़े थे ज्योतिर्लिंग त्रयम्बकेश्वर के सामने। हमने सहृदय अपना शीश झुकाया और भोलेनाथ से प्रार्थना करने के बाद एक पंडित के पास हम पहुंचते हैं।
हमें रुद्राभिषेक (Rudrabhishek Rate in Trimbkeshwar) कराना था। तो पंडितजी ने सहृदय मंत्रों की गूंज के साथ अभिषेक कराया और इसके बाद ब्रह्मा, विष्णु, महेश के तीन छोटे-छोटे लिंगों के दर्शन का भी हमे सौभाग्य प्राप्त हुआ।
हमारा तन और मन महादेव की भक्ति के रंग में रंग चुका था और अब हम निकल चुके थे मुम्बई के लिए। Hotel Three Leaves Trimbkeshwar में खाना खाने के साथ ही हमारी गाड़ी दौड़ रही थी Nashik-Pune Highway पर। और शाम 6 बजे के करीब हम पहुँच चुके थे पुणे।
Trimbkeshwar Jyotirling के दर्शन के बाद हमारे हृदय में एक अलग अनुभूति का एहसास हो रहा था।
इस तरह से महादेव के दीवाने महादेव की भक्ति में मगन होकर लौट आये थे अपने आशियाने की ओर।
मुझे उम्मीद है कि हमारा यह पोस्ट पढ़कर आप Trimbkeshwar में जरूर पहुँच गए होंगे। अगर आपको मेरा यह पोस्ट अच्छा लगा हो तो लाइक और शेयर जरूर कीजिये और पढ़ते रहिये हमारा ब्लॉग "Silsila Zindagi Ka".
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