नेपाल की यात्रा जितनी बार महसूस करता हूँ, ज़िन्दगी कई रंगों में रंगी नज़र आती है। क्या यादगार पल है? लेकिन इस पल को जो सबसे ज़्यादा यादगार बनाय...
नेपाल की यात्रा जितनी बार महसूस करता हूँ, ज़िन्दगी कई रंगों में रंगी नज़र आती है। क्या यादगार पल है?
लेकिन इस पल को जो सबसे ज़्यादा यादगार बनाया वह है समई माई मंदिर (Samai Maai Mandir).
कपिलवस्तु में है समई माई मंदिर
कपिलवस्तु नेपाल (KapilVastu Nepal) जिसे तिलौराकोट (Tilaurakot Nepal) भी कहा जाता है, (KapilVastu Nepal) जो 16 जनपदों की राजधानी हुआ करती थी। एक समय यह जगह भव्य थी। गुज़रते दौर के साथ इस जगह का प्रारूप बदलता गया और आज तस्वीरों में जैसा देख रहे हैं, ऐसा है कपिलवस्तु।
तिलौराकोट (Tilaurakot) के इसी परिसर में स्थित है तेजमयी समई माई मंदिर नेपाल (Samai Maai Mandir Nepal).
इसी माँ को महात्मा बुद्ध और कपिलवस्तु के नागरिक पूजा किया करते थे और माँ इन सबकी हर मनोकामाना पूर्ण करती थी।
बहुत सौभाग्य से हम पहुँच गए थे माता रानी के दरबार में। या हम तो ऐसा कहेंगे कि माता रानी का बुलावा आया था हमें अपने दरबार में।
जैसे ही माता रानी के मुझे दर्शन हुए मैं उनके तेज में समा गया। ऐसा लगा जैसे समई माता (Samai Mata) मेरे सामने साक्षात खड़ी है।
वहाँ के पंडितजी हमें प्रसाद दिया और माता रानी को शीश झुकाकर हम वहाँ से प्रस्थान कर गए।
समई माता का दर्शन हमारे लिए महज़ एक दर्शन ही नहीं, बल्कि हमारे सौभाग्य का एक ऐसा भाग है जो माता रानी के आशीर्वाद से जगमगा रहा है।
समई माता के चरणों में शीश झुकाते हुए हम आपसे विदा लेते हैं और मिलते हैं नए पोस्ट के साथ। पढ़ते रहिये हमारा ब्लॉग www.silsilazindagika.in.net
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