सुबह 3:30 बजे का समय और मैं निकल पड़ा ग़ाँव से मऊ की ओर। सबसे पहले मैं बलिया पहुँचा और वहाँ पहुँचने के बाद UP Roadways Bus Ballia To Mau ...
सुबह 3:30 बजे का समय और मैं निकल पड़ा ग़ाँव से मऊ की ओर। सबसे पहले मैं बलिया पहुँचा और वहाँ पहुँचने के बाद UP Roadways Bus Ballia To Mau की पकड़कर सुबह 7 बजे मैं मोहम्मदाबाद पहुँच गया।
और यहाँ से मेरे दोस्त पी कुमार सम्भव की Pulsar 150 CC हमारा रास्ता देख रही थी। हल्का नाश्ता लेने के बाद १० बजते ही हम निकल पड़े नेपाल यात्रा पर।
नेपाल जाने की यात्रा (Nepal Travel) का अनुभव जब हम आपको शब्दों में बयाँ करेंगे तो यक़ीन मानिए, आप बैठे-बैठे ही नेपाल दर्शन कर लेंगे। तो आईए हम अपने ब्लॉग सिलसिला ज़िंदगी के माध्यम से आपके साथ शेयर करते हैं Nepal Travel Part 1.
नेपाल यात्रा (India to Nepal Distance) का जो सबसे बड़ा उद्देश्य हमारे लिए था वो यह की हमें लुम्बिनी देखना है। कपिलवस्तु (UP to Kapilvastu) का भ्रमण करना है।
क्योंकि भारत में स्थित बौद्ध स्थलों- कुशीनगर, सारनाथ आदि के दर्शन करने के बाद हम उस जगह पर जाना चाहते थे जहाँ महात्मा बुद्ध का जन्म हुआ और जिस जगह पर बुद्ध का बचपन बीता।
मुहम्मदाबाद से होते हुए आजमगढ़ हम पहुँचे और एक कुल्हड़ चाय के साथ (Tea Shop in Azamgarh) हमारी पल्सर 150 CC आगे के सफर के लिए उड़ान भरना शुरू कर दी थी।
चिलचिलाती धूप और 40 डिग्री सेल्सियस तापमान का सामना करना हमारे लिए बेहद मुश्किल था। हम चाहते थे की कही लंबे समय के लिए रुक जायें, थम जाएं। पर हम आगे बढ़ते जा रहे थे। क्योंकि एक तरफ से यानी आजमगढ़ से लुम्बिनी की दूरी लगभग 240 है, और हम इस दूरी को जल्दी ही तै कर लेना चाहते थे। क्योंकि हम देखना चाहते थे उस पावन जगह को जहाँ महात्मा गौतम बुद्ध का जन्म हुआ था।
NH 28 UP के रास्ते हम चले जा रहे थे। हर 20km पर हमें 2 मिनट के लिए रुकना पड़ रहा था। क्योंकि चिलचिलाती हुई गर्मी का सामना करना हमारे लिए बेहद मुश्किल हो रहा था।
एक जगह चाय पानी लेने के बाद हम जैसे ही अभी 5 किमी आगे बढ़े होंगे कि जलती हुई धूप ने फिर से हमारा रास्ता रोक दिया। और फिर से हम बैठ गए सड़क किनारे की एक चाय पानी की दुकान पर।
अभी ठंडा पी रहे थे की अचानक मौसम जैसे बदलने लगा और पूरी तरह से मौसम में ठंडक आई। और इस ठंडक का परिणाम यह हुआ कि अगले आधे घण्टे तक लगातार आंधी चली (UP storm Video), धूल उड़े और जो जहाँ था वही थम गया।
आधे घण्टे बाद हमने अपनी यात्रा शुरू की। लेकिन 3-4 किमी आगे जाने के बाद हम फंस गए झमाझम बारिश में।
एक चाय की तपड़ी में हम लोगों ने काफी देर तक आश्रय लिया और 2 चाय खत्म होने तक बारिश की आँख-मिचौली को देखा। और इस आँख-मिचौली में जब हमने समय देखा तो पाया कि 2 घण्टे यहाँ गुज़र गए हैं हमारे।
शाम के 7 बज चुके थे और हम उस समय उत्तरप्रदेश के बस्ती जिले (Basti District UP) में पहुँच चुके थे। तभी हमारे सफर के हमसफ़र पी कुमार संभव जी को याद आया कि बस्ती मार्किट (Basti Market, Basti District) के पास वाल्टरगंज (Walterganj Basti UP) है, जहाँ मेरे एक रिश्तेदार रहते हैं।
हम लोगों ने बस्ती में ही रात बिताकर एकदम सुबह वहाँ स्व निकलने का फैसला क़िया। और फाइनली हम पहुँच गए हमारे दोस्त के रिश्तेदार के घर।
जमकर मेहमाननवाज़ी हुई। खाने-पीने का उत्तम प्रबंध। दिन भर बाइक चलाने की वज़ह से हम थक चुके थे। इसलिए जल्दी ही नींद की आगोश में खो गए।
सुबह 7 बजे हमने चाय पी और बस्ती से रवाना हुए लुम्बिनी की तरफ, जिसकी दूरी करीब (Basti to Lumbini Distance 105 km) 105 किमी है।
थोड़ी देर के सफर के बाद हम पहुंच गए थे सिद्धार्थनगर जिले में। सिद्धार्थनगर जिले के सिद्धार्थनगर मार्किट में हमने जलेबी और चाय पी और यहाँ के स्थानीय लोगों से कुछ जरूरी पूछताछ के बाद हम चल पड़े आगे की सफर की ओर।
भारत-नेपाल बॉर्डर (India-Nepal Border) से कुछ किमी पहले पड़ने वाले एक छोटे से बाज़ार में हमने कुछ प्रिंट आउट लिया और यहाँ भी हमने कुछ स्थानीय लोगों से आगे का रास्ता पूछा और अब निकल पड़े भारत-नेपाल बॉर्डर (Bharat-Nepal Border) की ओर।
सिद्धार्थनगर जिले से अगर आप नेपाल जाना चाहते हैं तो आपको ककरहवा बॉर्डर (Kakrahwa Border) पार करना पड़ता है। और आखिरकार हम पहुंच गए ककरहवा बॉर्डर।
इस तरफ भारत और उस तरफ नेपाल। बीच में इन दोनों देशों को बांटती एक (Border Line India and Nepal) रेखा। और बॉर्डर पर इस पार तैनात भारतीय सैनिक (Indian Soldier on India-Nepal Border) और उस पार तैनात नेपाली सैनिक।
सायकल और पैदल जाने वाले लोग तो आसानी से इस देश से उस देश में आ-जा रहे थे। लेकिन जिन्हें गाड़ी से जाना था उनके लिए नेपाल की सीमा में प्रवेश करने के बाद छोटा भंसार (Vehicle pass on Chhota Bhansar) पास लेना बेहद (Bike pass On chhota Bhansar Nepal) जरूरी है। वो भी पास उतने दिन के लिए होना चाहिए जितने दिन की नेपाल में रुकना है।
अगर आपको एक दिन का पास लेना है तो 150 रुपये देने होंगे और दो दिन के पास लेने हैं तो 300.
How many charge of one day Pass of Indian vehicle For Nepal?
Ans- If you want to enter in Nepal from India so you have to take a pass of rs.150 for one day/vehicle.
हमें 2 दिन नेपाल में रुकना था। तो हमने 2 दिन का पास लिया। पास लेने के लिये काफी भीड़ थी। लंबी लाइन था और उस लाइन का हम भी हिस्सा था। 1 घण्टे की मेहनत के बाद 2 दिन के पास के साथ हमारे चेहरे पर भी मुस्कान थी।
पास लेने के बाद हमने ठंडा पीया और यहां से हमें मिलना शुरू होता है भारतीय रुपये की जगह (Nepali Currency) नेपाली रुपये।
यकीन मानिए, हम UP-Nepal के बॉर्डर पर थे पर ऐसा लग रहा था कि आबो-हवा बदल चुकी थी और सचमुच एक नए देश में होने का एहसास हमारे मन में हो रहा था।
और फिर देखते-देखते हमारी पल्सर दौड़ रही थी नेपाल की सड़क (Road Images & Videos of Nepal) पर।
ककरहवा से लुम्बिनी की दूरी (Kakrhawa to Lumbini distance 12 km) मात्र 12 किमी है। हम लुम्बिनी की तरफ बढ़ रहे थे। करीब 9 किमी आगे जाने के बाद एक नेपाली पुलिस चौकी (Nepali Police Chowki) हम पहुंचे और वहां एक पुलिस से लुम्बिनी के बारे में हमने जानकारी ली।
लुम्बिनी पहुंचने के बाद हम तलाश करने लगे एक लॉज (Lodge in Lumbini) या सस्ते हॉटेल (Cheapest hotel in Lumbini) की जहाँ हम अपना बैग रखकर आराम से घूम सकें।
कई हॉटेल में गये और बजट पूछ हमने, पर बात नहीं बनी। और आखिरकार हम पहुंचे "Namaste Hotel and Lodge Nepal" में। जहाँ के मैनेजर ने गर्मजोशी के साथ हिंदी भाषा में बात करते हुए हमारा स्वागत क़िया। और बातचीत के बात 800 में हमने एक रूम बुक किया।
रूम तो सस्ता मिल गया...हमने अपना सामान भी रखा...! लेकिन इस सस्ता हॉटेल हमारे लिए कितना महंगा पड़ा? जब आप जानेंगे तो चौक जाएंगे।
हालांकि पोस्ट बहुत लंबा हो रहा है। इसकी वजह से Nepal Journey Part 1 हम यही खत्म कर रहे हैं।
अगले पोस्ट में अगली यात्रा और घटना का आपके साथ ज़िक्र करेंगे। तब तक जुड़े रहिये हमारे साथ और पढ़ते रहिये Silsila Zindagi Ka.
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