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हमारे गाँव में तो लोग छप्पर भी मिलकर उठाते हैं

  हमारे गाँव में तो लोग छप्पर भी मिलकर उठाते हैं Munnavar Rana Shayari " तुम्हारे शहर में मय्यत को कोई कंधा नहीं देता, पर हमारे गाँव मे...

 हमारे गाँव में तो लोग छप्पर भी मिलकर उठाते हैं

हमारे गाँव में तो लोग छप्पर भी मिलकर उठाते हैं

Munnavar Rana Shayari

"तुम्हारे शहर में मय्यत को कोई कंधा नहीं देता,

पर हमारे गाँव में तो लोग छप्पर भी मिलकर उठाते हैं"

करतार हार्वेस्टर से गेहूं की कटाई

गाँव (village) की बात ही क्या कहना? गाँव है तो सर पर छाँव है- किसी ने ठीक ही कहा है।

हमारे गाँव में तो लोग छप्पर भी मिलकर उठाते हैं

आज भी रिश्तों की अहमियत गाँव में बखूबी है। आज भी अपनों का अपना गाँव में बखूबी है। आज भी "का हाल बा" प्यार से भरे शब्दों की मिठास गाँव में बखूबी है और आज भी "चाचा, भईया वाला अपनापन गाँव में बखूबी है।

नाच के दीवाने

यह गाँव है जनाब! इसकी तुलना कभी शहर से की ही नहीं जा सकती है। यहाँ आज भी हर "दुआर" पर आपको Unlimited प्यार मिलेगा। 

हमारे गाँव में तो लोग छप्पर भी मिलकर उठाते हैं

हर आंगन में आपको प्रेम का पिटारा मिलेगा। और हर परोजन में भाईचारे की चाशनी में डूबे पकवान मिलेंगे।

किसी के घर पर सुबह पहुंच जाइये बिना कहे चाय आ जायेगी। खाना खाने के समय पहुंच जाईये "खाना लाएं क्या"? सुनने को मिल जाएगा।

आज भी गांव वाली यारी में कुछ अलग बात है।

हमारे गाँव में तो लोग छप्पर भी मिलकर उठाते हैं

आज भी गाँव के शादी बियाह में कुछ अलग एहसास है।

आज भी गाँव की जिंदगी की तुलना कभी शहर  की ज़िंदगी से की ही नहीं जा सकती है।

आज भी गाँव की गलियां बोलती हैं। चौबारों पर रौनक है। खलिहानों में एक अलग कहानी है।

शहरों में तो लोग आपसे बात तक नहीं करते। नज़र भरकर देखा भी नहीं करते हैं। एक अनजान सा एहसास अनजान इंसान की तरह आगे बढ़ा देते हैं, दिल मिलाने की बात कौन करे जनाब?

हमारे गाँव में तो लोग छप्पर भी मिलकर उठाते हैं

शहर की सड़कों पर आप गिर जाओ तो लोग आँख बंद करके गुज़र जायेंगे। जरूरत पड़ने पर किसी से मदद मांगो से तो वादा करके लोग मुकर जाएंगे।

पर कभी गाँव में आईये। आपकी जरूरत पर हज़ारों हाथ आपके सामने आज भी आ जाएंगे। 

आपके आंसू पोछने के लिये हजारों पराए भी अपने हो जाएंगे। ऐसा है गाँव!

गाँव के उगते सूरज (Sunrise of Village) को आपने कभी देखा है? 

गाँव के डूबते सूरज (Sunset of Village) को अपने कभी देखा है? 

हमारे गाँव में तो लोग छप्पर भी मिलकर उठाते हैं


गाँव के खेतों (Field of Village) में क्या आपने कभी घूमा है?

खेतों में चलते ट्रैक्टर (Tractor in Field village) और इसकी सुंदरता को क्या आपने कभी नज़रों से देखा है?

क्या आप कभी गुज़रे हैं गाँव की पतली मगर दूर तक जाती किसी सड़क (Road of village) से?

हमारे गाँव में तो लोग छप्पर भी मिलकर उठाते हैं

क्या आपने गाँव के खेतों में बोरिंग (Boaring of village) के पानी के बहाव को देखा है? 

क्या आपने गाँव के उस आकाश को देखा है जो दूर कही ज़मीन से मिल रहा है?

क्या आपने गाँव की उस पगडंडी को देखा है जो किसी हाइवे से कम नहीं है?

हमारे गाँव में तो लोग छप्पर भी मिलकर उठाते हैं

Conclusion

मौका मिले तो आप भी कभी आईये हमारे गाँव। देखिये हमारे गाँव के नजारे। देखिये यहाँ की सुंदरता। 

हमारे गाँव में तो लोग छप्पर भी मिलकर उठाते हैं

और हमें कमेंट्स में जरूर बताईये की कैसा लगा हमारा यह पोस्ट? आपका Feedback हमें हौसला देता है कुछ बड़ा करने का। तो पढ़ते रहिये हमारा ब्लॉग www.silsilazindagika.in.net

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