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Orchestra Dance: रौनक हैं शामियाने, क्योंकि अब भी हैं नाच के दीवानेO

रौनक हैं शामियाने, क्योंकि अब भी हैं नाच के दीवाने वो जब कमर हिलाती है, बारात में चार चांद लग जाता है।  वो जब हाव्-भाव दिखाती है, शामियाने म...

रौनक हैं शामियाने, क्योंकि अब भी हैं नाच के दीवाने

Orchestra Dance: रौनक हैं शामियाने, क्योंकि अब भी हैं नाच के दीवाने


वो जब कमर हिलाती है, बारात में चार चांद लग जाता है। 

वो जब हाव्-भाव दिखाती है, शामियाने में शम्मा से बंध जाता है।

वो जब अपने जलवे दिखाती है, धूम मच जाता है।

हाँ, वो नचनिया है! और आज भी उसके बिना हर बारात अधूरी है।

अब नहीं दिखते हैं नाच के दीवाने

ऑर्केस्ट्रा (Orchestra) के बिना आज भी बारात की रौनक फीकी है। बारात तो जमती है उनके ठुमके से, जिनके ठुमके पर लोग पल भर में हजारों रुपये न्यौछावर कर देते हैं।

Orchestra Dance: रौनक हैं शामियाने, क्योंकि अब भी हैं नाच के दीवाने


इसमें कोई दो मत नहीं है कि बारात और शामियानों में अगर आज भी महफ़िल जमती है तो नाच के बिना। बारात के नज़ारे को और भी भव्य बना देता है Orchestra Dance.

बारात के साथ अगर ऑर्केस्ट्रा नाच ना हो तो बात ना जमेगी। स्टेज पर कोई ठुमका लगाकर ना नाचे तो बात ना जमेगी।

वो जब कमर लचकाकर बलखाती हुई नाचती है तो नाच के दीवानों का दिल धड़क जाता है और दीवाने तालियाँ और सीटियां बजाने लगते हैं।

Orchestra Dance: रौनक हैं शामियाने, क्योंकि अब भी हैं नाच के दीवाने


शामियानों की रौनक कही ना कही orchestra डांस से ही है। और हम उम्मीद करते हैं कि ऑर्केस्ट्रा dance का यह दौर हमेशा चलता रहेगा, शामियानों में यही रौनक बरकरार रहेगी और नाच के दीवानों का दिल यूं ही हमेशा धड़कता रहेगा।

जुड़े रहिये हमारे साथ और पढ़ते रहिये हमारा ब्लॉग www.silsilazindagika.in.net



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