महंगाई या कोई भी मुश्किल छठ माई का त्यौहार करने से नहीं रोक सकती। छठ मां के प्रति अपार श्रद्धा और भक्ति के रंग में रंगे लोग बाजार में उम्ड़ ...
महंगाई या कोई भी मुश्किल छठ माई का त्यौहार करने से नहीं रोक सकती। छठ मां के प्रति अपार श्रद्धा और भक्ति के रंग में रंगे लोग बाजार में उम्ड़ पड़े हैं। बाजार पूरी तरह से सज चुका है और चारों तरफ छठी माई की भक्ति की गंगा बह रही है।
पूर्वोत्तर भारत का छठ त्यौहार अब पूरी दुनिया में मनाया जाने लगा है। छठी माई की भक्ति में रंगे लोगों की श्रद्धा देखते ही बनती है। लोक और आस्था का महापर्व जो सबसे निराला है और छठी माई की भक्ति में डूबे हुए लोगों से पूछिए कि छठ त्यौहार क्या है?
सेव और संतरा की कतार, केलों की भरमार और पूरी तरह से सज चुका है बाजार, क्योंकि आ चुका है छठ का त्यौहा। छठी माई की भक्ति में गोते लगाते हुए लोग शहर से काम को छोड़कर अपने गांव चले आए हैं, क्योंकि यही एक ऐसा त्यौहार है जो लोगों को अपने गांव बुलाने लगता है।
बाजारों की रौनक देखते हुए ऐसा लग रहा है कि इस बार भी छठ पूजा बहुत भव्य होने वाला है। लोगों की आस्था पर महंगाई भारी नहीं पड़ सकती, क्योंकि लोगों ने पूरी तैयारी कर ली है कि चाहे जो भी हो जाए छठी मैया की भक्ति में कोई कमी नहीं होनी चाहिए।
कहते हैं कि छठी मैया का हृदय से भी जो भी ध्यान धरता है, जो भी पूजा-अर्चना करता है, उसकी सारी मुसीबतें दूर हो जाती है और जीवन में खुशहाली आती है। छठी मैया के वरदान से, आशीर्वाद से हर घर में सुख समृद्धि आती है और सबका जीवन खुशहाल रहता है।
छठ पूजा सिर्फ एक त्यौहार ही नहीं बल्कि एक ऐसी परंपरा है जो युगयुगांतर से चली आ रही है। यही एक ऐसा त्यौहार है जिसमें ना सिर्फ उगते बल्कि डूबते सूरज की भी पूजा की जाती है और पौराणिक कथाओं के अनुसार कई लोग इस छठ को युग युगांतर से मनाते चले आ रहे हैं।
तो छठ महापर्व का नजारा हम आपको दिखाएंगे कल हमारे साथ जुड़े रहिए और पढ़ते रहिए सिलसिला जिंदगी का।
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