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कुमार विश्वास की कविताओं से कुछ ‘चुनिंदा पंक्तियां’- Kumar Vishwas Hindi Poem

भाषा विज्ञानियों का कहना है कि किसी भी भाषा की उन्नति उसके अधिक से अधिक प्रसार में है। कोई भाषा जितने अधिक लोगों द्वारा बोली जाएगी, उतनी ही ...

भाषा विज्ञानियों का कहना है कि किसी भी भाषा की उन्नति उसके अधिक से अधिक प्रसार में है। कोई भाषा जितने अधिक लोगों द्वारा बोली जाएगी, उतनी ही मजबूत होगी।

कुमार विश्वास की कविताओं से कुछ ‘चुनिंदा पंक्तियां’- Kumar Vishwas Hindi Poem

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टेक्नोलाॅजी का जमाना है इसलिए यह बात भी महत्वपूर्ण है कि- अमुक भाषा तकनीक से किस हद तक जुड़ी हुई है, और उसमें रोजगार के अवसर कितने हैं।


चूंकि हम एक ऐसे समय में 'हिंदी' की बात कर रहे हैं जब अंग्रेजी विश्वभाषा के रूप में स्थापित हो चुकी है लेकिन सत्य यह भी है कि इसी समय में निज भाषा आंदोलनों ने भी सिर उठाया और तकनीक ने उस स्वर को और मुखर किया। दुनियाभर में लोगों का अपनी भाषा के प्रति रुझान बढ़ा।


हिंदी भाषा के गौरव डॉ. कुमार विश्वास

अगर आप हिंदी की आन, बान और शान देखना चाहें तो थोड़ा बीते कल में झाँककर देख लीजिए। एक समय Google Search पर जब Dr. Kumar Vishwas का नाम सबसे ज़्यादा खोजा गया तो गूगल हैरान रह गया और कुमार विश्वास को Google ने इनवाइट किया। बाद में पता चला की डॉ. कुमार विश्वास की हिंदी कविता पढ़ने के लिए लोग उन्हें गूगल पर सर्च कर दिए थे।  


एक गीत पलकों पर लिखना

वैसे भी 'हिंदी' के बारे में जब हम आज भी बात करते हैं, डाॅ. कुमार विश्वास का नाम आँखों के सामने आ जाता है। Dr. Kumar Vishwas Shayari, Ghazals, Poems से उन्होंने 'हिंदी' को दुनियाभर में प्रतिष्ठित किया।     

Kumar Vishwas Hindi Poem

जब भी मुँह ढंक लेता हूँ

तेरे जुल्फों की छाँव में

कितने गीत उतर आते हैं

मेरे मन के गाँव में


एक गीत पलकों पर लिखना

एक गीत होंठों पर लिखना

यानि सारी गीत हृदय की

मीठी-सी चोटों पर लिखना

जैसे चुभ जाता है कोई काँटा नंगे पांव में

ऐसे गीत उतर आते हैं, मेरे मन के गाँव में

कोई दीवाना कहता है...


कुमार विश्वास ने जब छोड़ दी इंजीनियरिंग


Dr. Kumar Vishwas, एक नाम ही नहीं बल्कि एक ऐसे दौर हैं जिन्हें Hindi भाषा के लिए याद किया जाता है और हिंदी भाषा के लिए हमेशा याद किया जाएगा। क्योंकि अपनी दिल की आवाज़ सुनने के लिए Dr. Kumar Vishwas ने इंजीनियरिंग की पढ़ाई छोड़ी दी, पीसीएस की नौकरी भी छोड़ दी। और अपनी रचनाओं के माध्यम से वो हिंदी भाषा की सेवा में इतने लीन हो गए कि उन्होंने अपनी कविता, शायरी और ग़ज़ल से हिंदी भाषा को एक बड़ा मक़ाम दे दिया।  


Dr. Kumar Vishwas की हर एक रचना आज समाज के लिए प्रेरणा है। लोगों ने डॉ. कुमार विश्वास को इतनी मोहब्बत दी की कुमार विश्वास ने कह डाला:  Koi Diwana kehta hai Koi pagal samajhta hai...Magar dharti ki bechaini ko woh badal samajhta hai.

कोई दीवाना कहता है, कोई पागल समझता है 

मगर धरती की बेचैनी को बस बादल समझता है !!

मैं तुझसे दूर कैसा हूँ, तू मुझसे दूर कैसी है 

ये तेरा दिल समझता है या मेरा दिल समझता है !!

इस कविता ने खासकर के युवाओं के दिल और ऐसा दस्तक दिया कि हर युवा इसका दीवाना हो गया और आज तक यह दीवानगी बरकरार है। यूं कहिये की डॉ. Kumar Vishwas कविताएं लिखते नहीं हैं, बोलते नहीं हैं...बल्कि हिंदी भाषा के प्रति अपनी रचना से लोगों के दिलों में अलौकिक विश्वास भरते हैं।  

लोगों के दिल में हिंदी के लिए प्यार बढ़ा

डॉ. कुमार विश्वास के विश्वास और दृढ़ निश्चय का ही परिणाम है कि आज दुनिया भर में उनके करोड़ों प्रशंसक हैं। कुमार विश्वास ने बड़ी शिद्दत से हिंदी भाषा का परचम पूरे विश्व में लहराया और फिर उन्होंने बड़े विश्वास के साथ दुनिया से कहा: 

जो धरती से अम्बर जोड़े, उसका नाम मोहब्बत है।

जो धरती से अम्बर जोड़े , उसका नाम मोहब्बत है,

जो शीशे से पत्थर तोड़े, उसका नाम मोहब्बत है,

कतरा कतरा सागर तक तो, जाती है हर उम्र मगर,

बहता दरिया वापस मोड़े, उसका नाम मोहब्बत है


Dr. Kumar Vishwas Best Poem     

नेह के सन्दर्भ बौने हो गए होंगे मगर,

फिर भी तुम्हारे साथ मेरी भावनायें हैं,

शक्ति के संकल्प बोझिल हो गये होंगे मगर,

फिर भी तुम्हारे चरण मेरी कामनायें हैं,

हर तरफ है भीड़ ध्वनियाँ और चेहरे हैं अनेकों,

तुम अकेले भी नहीं हो, मैं अकेला भी नहीं हूँ 

भाषा या ज़बान एक बहते पानी की तरह है



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