तेरी यादों को बहुत संभाल के रखता हूँ रोज़ जां को हथेली पे निकाल के रखता हूँ मेरी उजड़ती ख्व...
तेरी यादों को बहुत संभाल के रखता हूँ
रोज़ जां को हथेली पे निकाल के रखता हूँ
मेरी उजड़ती ख्वाहिशों का अनोखा किस्सा है
ये ग़म भी मेरे और ये दर्द भी मेरे दिल का हिस्सा है
मेरी मोहब्बत और तेरी बेवफ़ाई का फ़साना
ना तुम हुए मेरे कभी , ना कभी हुआ मेरा ज़माना
मुकम्मल होकर भी मैं रह गया हूँ अधूरा
कोई मरहम भी नहीं और दिल का ज़ख्म भी है पूरा
आज़माना मत मुझे, देखना फिर से संभल जाऊंगा
मैं, मैं हो जाऊंगा और फिर से मैं बदल जाऊंगा
तेरी यादों के ज़ख्म जो मुद्दतों से तड़पा रहे हैं
बहुत हुआ, अब हम इनसे बहुत दूर जा रहे हैं
एक नया आशियां होगा, एक नई जिंदगानी होगी
एक नई दुनिया होगी और एक नई कहानी होगी
*******************************
No comments