मेरी जान ले कर भी मुझे जान नहीं पाए मैं क्या हूँ तुम मुझे अब तक पहचान नहीं पाए वफ...
मैं क्या हूँ तुम मुझे अब तक पहचान नहीं पाए
वफाओं की एक मुक़म्मल कहानी भी हूँ मैं
तुम्हारी, खुशियां, दर्द और आँखों का पानी भी हूँ मैं
तुम्हारी मोहब्बत, इबादत और चाहत भी हूँ मैं
तुम्हारे दिल की बेचैनी और राहत भी हूँ मैं
तुम्हारे सपनों की दुनिया और उस फ़साना भी हूँ मैं
तुम्हारे दर्द भरे नग्में और खुशियों का तराना भी हूँ मैं
तुम्हारी बेख़ुदी, तड़प और तुम्हारा इंतज़ार भी हूँ मैं
पतझड़ का मौसम और तुम्हारी ज़िंदगी का बहार भी हूँ मैं
तुम्हारी ज़िंदगी, बंदगी और इश्क़ का इलज़ाम भी हूँ मैं
तुम्हारी नफ़रत की चादर, उल्फ़त का एहतराम भी हूँ मैं
दुआ करता हूँ तुम्हारी लबों से कभी मुस्कान नहीं जाए
मैं क्या हूँ तुम मुझे अब तक पहचान नहीं पाए
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Acha laga padh kar.
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