थोड़ी रूठी, थोड़ी ख़फ़ा सी लगती है। ज़िन्दगी बड़ी बेवफ़ा सी लगती है।। जाने क्या-क्या रंग रोज़ दिखाती है। हमें हर मोड़ पर हर पल आजमा...
थोड़ी रूठी, थोड़ी ख़फ़ा सी लगती है।
ज़िन्दगी बड़ी बेवफ़ा सी लगती है।।
जाने क्या-क्या रंग रोज़ दिखाती है।
हमें हर मोड़ पर हर पल आजमाती है।।
कभी गुस्सा तो कभी प्यार करती है।
ये ज़िन्दगी, जाने क्या यार करती है।।
कभी तन्हाई में पकड़ लेती है हाथ।
कभी वक़्त-बेवक़्त छोड़ देती है साथ।।
कभी-कभी हज़ारों रंग भर जाती है।
कभी-कभी यूँ ही बेरंगत कर जाती है।।
कभी मेरा होने से भी मुकर जाती है।
कभी यूँ ही मेरे दिल में उतर जाती है।।
बद्दुआ, तो कभी दुआ सी लगती है।
ज़िन्दगी बड़ी बेवफ़ा सी लगती है।।
दिल को छू लेने वाली बातें।
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