कहते हैं कि "है कौन विघ्न ऐसा जग में, टिक सके आदमी कर मैग में...खम ठोक ठेलता है जब नर, पर्वत के जाते पांव उखड़...मानव जब ज़ोर लगाता है तो पत्थर भी पानी बन जाता है"
मुझे आज ये पंक्तियां इसलिए याद आ गईं जब मैंने सुना कि गंगा तट पर स्थित दियारा क्षेत्र के गांवों नौरंगा और भुवाल छपरा की काया-कल्प बदलने जा रही है और सही मायने में इन गांवों की तस्वीर और तक़दीर अब बदलनी ही चाहिए। और हर तरफ खुशी का माहौल है, ये जानकर और सुनकर कि नौरंगा ग्राम सभा के अंतर्गत भुवाल छपरा गांव में ज़ल्द ही नया पोस्ट ऑफिस खुलने जा रहा है। माननीय लोकप्रिय रेल राज्य मंत्री श्री मनोज सिन्हा ने आश्वासन दिया कि ज़ल्द से ज़ल्द नौरंगा ग्राम सभा में पोस्ट आफिस का उदघाटन किया जाएगा।
इतना ही नहीं, कहते हैं कि जब खुशियां मिलती हैं बेहिसाब मिलती हैं। और इसी सिलसिले में दूसरी खुशी की बात यर है कि माननीय विकास पुरुष श्री आर.के.सिंह जी ने ग्राम सभा नौरंगा और भुवाल छपरा गांव के विद्युतीकरण का आदेश एम.डी.श्री आर लक्ष्मण जी को दे दिया और लक्ष्मण जी ने बिना देर किये कार्यपालक अभियंता जगदीशपुर को तुरंत काम करने का आदेश दिया।
"अब हर तरफ रोशन होगा नौरंगा, बहेगी विकास की गंगा"।
और बहनी भी चाहिए विकास की गंगा। क्योंकि आज़ादी के 70 वर्षों कर बाद और खास कर के वर्तमान समय में इन गांवों का विकास नहीं हो सका तो फिर किसी सपने को हक़ीक़त में बदलते हुए नहीं, बल्कि हर हक़ीक़त को सपने में तब्दील होते हुए लोगों को देखना पड़ेगा।
लेकिन ऐसा नहीं होगा। क्योंकि "ये नए युग और नए विश्वास का समय है, हमारी उड़ान और हमारी पहचान का समय है"।
निश्चित तौर पर अब एक नए युग की शुरुवात होने जा रही है, जिसमें हर तरफ विकास की तरंगें उभरती दिखाई देंगीं। नौरंगा और भुवाल छपरा को विकास की राह पर अग्रसर करने में निश्चित तौर ओर यहां के युवाओं, कुछ अन्य ग्रामीणों और सांसद श्री भरत सिंह जी का योगदान है।
ये खुशी का पल है और मैं चाहता हूँ कि यर खुशी का पल यूं ही चलता रहे और इन गांवों और गांव के लोगों का "सिलसिला ज़िन्दगी का" हमेशा चलता रहे।
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Biswas par duniya kayam hai
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