बहुत तेज़ भागती है ये ज़िन्दगी! देखते-देखते उम्र के कई पड़ाव से गुज़र जाती है। लेकिन पता ही नहीं चलता कि कब, कहाँ और कैसे? कभी हँसाती है...
बहुत तेज़ भागती है ये ज़िन्दगी! देखते-देखते उम्र के कई पड़ाव से गुज़र जाती है। लेकिन पता ही नहीं चलता कि कब, कहाँ और कैसे? कभी हँसाती है, कभी रुलाती है। और हाँ, बहुत आजमाती भी है। जिसने जिस नज़रिये से इसको देखा, ज़िन्दगी उसको वैसी ही नज़र आई। तभी तो ज़िन्दगी पर जाने क्या-क्या लोगों ने लिख डाला?आईये देखते हैं!
1.ज़िन्दगी उलझा हुआ सौदा है...उमरे लेता है एक पल देकर!
2.हर घड़ी बदल रही है रूप ज़िन्दगी...छाँव है कहीं, कहीं है धूप ज़िन्दगी!
3. ज़िन्दगी तो बेवफ़ा है एक दिन ठुकरायेगी...मौत महबूबा है अपने साथ लेकर जाएगी।
4. ज़िन्दगी की ना टूटे लड़ी...प्यार कर ले घड़ी दो घड़ी!
5. ऐ ज़िन्दगी! गले लगा ले!!
6. तुझसे नाराज़ नहीं ज़िन्दगी, हैरान हूँ! तेरे मासूम सवालों से परेशान हूँ!
7. ज़िन्दगी हर कदम एक नई जंग है!
8. ज़िन्दगी की तलाश में हम मौत के कितने पास आ गए!
9. मैं ज़िन्दगी का साथ निभाता चला गया!
10. ज़िन्दगी कभी मेरे घर आना!
11. ज़िन्दगी कैसी है पहेली हाय!
12. ज़िन्दगी प्यार का गीत है, इसे हर दिल को गाना पड़ेगा।
13. तू ज़िन्दा है तो ज़िन्दगी की जीत में यकीन कर!
14. ज़िन्दगी तो हल्की-फुल्की है, बोझ तो ख़्वाहिशों का है।
तो दोस्तों! ये थी ज़िन्दगी के ऊपर लिखी गई कुछ खूबसूरत पंक्तियाँ। आप ज़िन्दगी के बारे में क्या सोचते हैं या ज़िन्दगी को किस तरह देखते हैं। मुझे लिखिए और बताईये।
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