Love Poem: कौन इस दिल मे फिर से मोहब्बत भर गया?

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Love Poem: कौन इस दिल मे फिर से मोहब्बत भर गया?

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Silsila Zindagi Ka

कौन इस दिल में फिर से मोहब्बत भर गया
कौन मेरी रूह को फिर से  बेचैन कर  गया।
कौन है जो दस्तक  दिया  है मेरी ज़िंदगी में
कौन है जो दर्द बनने आया है मेरी खुशी में।।



इन बेचैन निग़ाहों को इंतज़ार  किसका है
मेरे मासूम दिल  को  ऐतबार  किसका  है।
हर बात अल्फ़ाज़ों से ही बयाँ  नहीं होती
महसूस करो मेरे दिल में प्यार किसका है।।

Love Poem
पागल  है  दिल  जो हर दर्द को सहता है
रोता है पर किसी से कुछ  नहीं कहता है।
इसकी ख़ामोशी  कोई  समझ नहीं पाता
हर दिन, पर हर  पल यह  बेचैन रहता है।।




लफ्ज़  ख़ामोश   हैं  और  निगाहें  नम  हैं
तेरे चले जाने से ज़िन्दगी में हज़ारों ग़म हैं।
ना जीने का ठिकाना ना मरने की वज़ह है
हम  तो हैं, पर  हम  नहीं  रह  गए  हम हैं।।