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चेहरे पर खुशी पर आँखें नम और बप्पा की बिदाई

और आज दसवें दिन बप्पा छोड़ चले देश। गणेशोत्सव के दस दिनों के धूम के बाद आज अंतिम दिन लोगों ने नम आँखों से बप्पा को विदा किया। चेहरे पर ...


और आज दसवें दिन बप्पा छोड़ चले देश। गणेशोत्सव के दस दिनों के धूम के बाद आज अंतिम दिन लोगों ने नम आँखों से बप्पा को विदा किया।
चेहरे पर खुशी पर आँखें नम थीं। हर तरफ ढ़ोल-नगाड़े की धूम पर लोग झूमते हुए नज़र आ रहे थे। हर तरफ से आवाज़ आ रही थी "गणपति बप्पा मोरया" "मंगलमूर्ति मोरया"।

वैसे तो गणेशोत्सव पूरे देश में धूमधाम से मनाया जाता है। लेकिन महाराष्ट्र की राजधानी मुम्बई में इस पावन पर्व का नज़ारा देखते ही बनता है।
आज विसर्जन का दिन था। यानि बप्पा की विदाई का दिन। मुम्बई की सड़कों पर जिधर नज़र जा रही थी, उधर लोग झूमते नाचते नज़र आ रहे थे। ऐसा लग रहा था जैसे धरती पर आज स्वर्ग उतर के आ गया है।

वही सड़क के किनारे हर कदम पर लोग भक्तगणों की सेवा में लगे हुए थे। इस भक्ति की भावना को देखते ही बन रहा था। 
अँधेरी से लेकर बांद्रा, बांद्रा से लेकर सांताक्रुज, जुहू और अन्य सभी जगहों पर भी आज बप्पा की बिदाई बड़े धूमधाम से किया गया।


सभी लोग यही कहते हुए नज़र आ रहे थे कि बप्पा फिर आना मोर देश। हालांकि यह दस दिन का समय कैसे और कब गुज़र गया, लोगों को पता ही नहीं चला। 

लेकिन आज इस बात का महसूस तब हो रहा है जब बप्पा के जाने का समय आ गया। हर मूर्ति जैसे उदास दिख रही थी। ऐसा लग रहा था जैसे अपने भक्तों को छोड़ कर जाने से बप्पा भी बहुत उदास हैं। लेकिन वो भी शायद यही कह रहे थे फिर आऊँगा तुम्हारे देश।

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