OH LIFE हर ग़म को सीने से लगा कर जीते हैं हमारी ज़िंदादिली तो देखो ज़िन्दगी! हज़ारों दर्द देती हो तुम हमें हर रोज़ फिर भी हम मुस्कु...
OH LIFE
हर ग़म को सीने से लगा कर जीते हैं
हमारी ज़िंदादिली तो देखो ज़िन्दगी!
हज़ारों दर्द देती हो तुम हमें हर रोज़
फिर भी हम मुस्कुरा कर जीते हैं!!
आँखों में हज़ारों सपने पल रहे हैं
उन सपनों को सजा कर जीते हैं!
अपने दर्द की हम बात क्या करें
गैरों का दर्द भी उठा कर जीते हैं!!
खुद से रूठते हैं, खुद को मानते हैं
खुद को कहानी बताकर जीते हैं!
दर्द का फ़साना है, दर्द के किस्से
फिर भी हम गुनगुना के जीते हैं!!
कौन और कब मेरा वक़्त आया है
हर वक़्त को गले लगा के जीते हैं!
हर ग़म को सीने से लगा कर जीते हैं
हमारी ज़िंदादिली तो देखो ज़िन्दगी!
हज़ारों दर्द देती हो तुम हमें हर रोज़
फिर भी हम मुस्कुरा कर जीते हैं!!
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