निगाहें वही हैं निशानें बदल गए हैं
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निगाहें वही हैं निशानें बदल गए हैं

SAD SHAYRI BY HEART


निगाहें वही हैं निशानें बदल गए हैं
इश्क़ वही है दीवाने  बदल  गए हैं।
वही  अंदाज़  है  वही  मिज़ाज  है
बस  उनके  बहाने  बदल  गए  हैं।।

कभी मिलन तो कभी जुदाई पे रोना आया
हर  रोज़  उसकी  बेवफ़ाई  पे रोना आया।
ऐ ख़ुदा! क्या तू भी सितम करता है
तड़प कर उसकी शहनाई पे रोना आया।।

हर चोट कुछ ना कुछ मज़ा देती है
इंसान को ज़िंदा रहने की सज़ा देती है।
ज़िन्दगी का खेल कौन समझ पाया
जब तक समझे तब तक रुला देती है।।

नहीं देखा उसे निगाहों ने निगाह भर कर
तभी तो रोज़  रोईं ये आह भर-भर कर।
मोहब्बत ने मुझे इस क़दर तोड़ा है यारों
अब तो इसका नाम भी लेता हूँ डर कर।।

वादों पर अब ऐतबार नहीं आता
जो बिछड़ा वो अब यार नहीं आता।
ये इश्क़, मोहब्बत सब झूठा है
अब तो कभी ख़ुद भी प्यार नहीं आता।।



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